सवाल:– जो ऊंट, बैल, गाए, दुम्बे और बकरियां वग़ैरह बेचने की निय्यत से ख़रीद लिए जाए, तो क्या उन पर ज़कात फ़र्ज़ होगी?
Read More »ज़कात की रक़म से स्कूल के लिए कोई सामान ख़रीदना
सवाल:– अगर कोई आदमी ज़कात अदा करने की निय्यत से ज़कात की रक़म से स्कूल के लिए कोई सामान खरीद ले, तो क्या इस तरह करने से उसकी ज़कात अदा होगी?
Read More »ज़कात की रक़म से मस्जिद का तामीर करना
सवाल:– क्या ज़कात की रक़म से मस्जिद तामीर करना जाईज़ है? अगर ज़कात की रक़म से मस्जिद की तामीर की जाये, तो क्या ज़कात अदा होगी?
Read More »संपत्ती और फ़्लेट वग़ैरह पर ज़कात
सवाल:– क्या जायदाद (संपत्ती) और फ़्लेट वग़ैरह पर ज़कात फ़र्ज़ है?
Read More »शाबान की पंदरहवीं शब की फ़ज़ीलत
सवालः- मैंने एक अरब शैख़ से सुना कि शब-ए-बारात की फ़ज़ीलत के सिलसिले में जितनी भी हदीस वारिद हुई है वह सब ज़ईफ़ है, और उन में से कोई हदीस सहीह नहीं है. लिहाज़ा हमें इस शब (रात) और उस के अगले दिन को अहमियत देने की ज़रूरत नहीं। क्या …
Read More »जनाज़े से संबंधित मुतफ़र्रिक़ मसाईल (१३)
मय्यित को ग़ुसल देने के दौरान ज़िकर करना सवालः- मय्यित को ग़ुसल देने के दौरान दुरूद शरीफ़ पढ़ना अथवा कोई और ज़िकर करना कैसा है? जवाबः- मय्यित को ग़ुसल देने के दौरान बुलंद आवाज़ से दुरूद शरीफ़ पढ़ना अथवा कोई और ज़िकर करना सुन्नत से षाबित नहीं है. अलबत्ता ग़ुसल …
Read More »(१२) जनाज़े से संबंधित मुतफ़र्रिक़ मसाईल
पानी मौजूद न होने की सूरत में मय्यित को तयम्मुम कराना सवालः- अगर पानी मौजूद न हो, तो मय्यित को किस तरह से ग़ुसल दिया जाए? जवाबः- अगर एक शरई मील की मसाफ़त के बक़दर (या उस से ज़्यादा) पानी मौजूद न हो, तो मय्यित को तयम्मुम कराया जाएगा. [१] …
Read More »(११) जनाज़े से संबंधित मुतफ़र्रिक़ मसाईल
मय्यित के जिस्म से जुदा अंग का ग़ुसल सवालः- बसा अवक़ात एसा होता है के मय्यित के जिस्म से बाज़ अंग जुदा होते हैं मषलन गाड़ी के हादसे वग़ैरह में मय्यित के कुछ अंग टूट जाते हैं और जिस्म से जुदा होते हैं, तो क्या ग़ुसल के समय उन अलग …
Read More »(१०) जनाज़े से संबंधित मुतफ़र्रिक़ मसाईल
ग़ुसल के शुरू में जब मय्यित को वुज़ू कराया जाए, तो कहां से शुरू करना चाहिए यअनी पेहले मय्यित के हाथों को गट्टों समैत धोया जाए या पेहे चेहरा धोया जाए?...
Read More »(९) जनाज़े से संबंधित मुतफ़र्रिक़ मसाईल
अगर मय्यित के नाख़ुनों पर नाख़ुन पालिश लगी हो, तो क्या ग़ुसल देने वाले के लिए उस को निकालना ज़रूरी है?...
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