सवाल – क्या हम हज़रत हुसैन (रज़ि.) को षवाब पहोंचाने के लिए आशूरा के मोक़े पर रोज़ा रख सकते हैं? क्या उस का कोई ख़ास फ़ायदा या षवाब है जो अल्लाह तआला हमें अता फ़रमाऐंगे?
और पढ़ो »सिर्फ़ दसवी मोहर्रम को रोज़ा रखना
सवाल – क्या सिर्फ़ दसवीं मोहर्रम को रोज़ा रखना दुरूस्त है? यअनी अगर कोई व्यक्ति नव या ग्यारह मोहर्रम को रोज़ा न रखे, बलके सिर्फ़ दस मोहर्रम को रोज़ा रखे, तो क्या यह अमल दुरूस्त होगा?
और पढ़ो »नए साल के मोक़े पर मुबारक बाद देना
सवाल – अगर चांद देखा जाए तो कल से नया इस्लामी साल मुहर्रम का महीना शूरू होगा. क्या हम उस मोक़े पर (यअनी नये साल के शुरू में) एक दूसरे को मुबारक बाद दे सकते हैं या यह अमल शरीअत के ख़िलाफ़ है?
और पढ़ो »मुहर्रम के महीने में रोज़ा रखने का षवाब
सवाल – क्या इस हदीष को बयान करना और इस पर अमल करना दुरूस्त है के मुहर्रम के महीने में हर दिन नफ़ल रोज़े रखने का षवाब तीस दिनके नफ़ल रोज़ा रखने के षवाब के बराबर है?
और पढ़ो »मय्यित की तरफ़ से ज़बह किए गए जानवर का गोश्त
सवाल – एक आदमी ने मय्यित की तरफ़ से जानवर ज़बह किया, तो वह उस के गोश्त का क्या करे?
और पढ़ो »क़ुर्बानी का गोश्त उजरत के तौर पर देना
सवाल – क्या क़ुर्बानी का गोश्त मज़दूरी के तौर पर चमड़ा उतारने वालों और दूसरे काम करने वालोंको देना जाईज़ है?
और पढ़ो »तमाम शुरका का संपूर्ण जानवर सदक़ा कर देना
सवाल – क्या तमाम शुरका के लिये पूरे जानवर के गोश्त का सदक़ा कर देना जाईज़ है?
और पढ़ो »नज़र या वसिय्यत के ज़बीहे का गोश्त इस्तेमाल करना
सवाल – अगर कोई क्या नज़र या वसिय्यत के ज़बीहे का गोश्त खा ले, तो उस की तलाफ़ी की क्या सूरत है?
और पढ़ो »छुटी हुई क़ुर्बानी की क़ज़ा
सवाल – एक आदमी पर क़ुर्बानी वाजिब थी, मगर उस ने क़ुर्बानी नहीं की, यहां तक के क़ुर्बानी के अय्याम गुज़र गए, तो वह क़ुर्बानी की क़ज़ा कैसे करे?
और पढ़ो »क़ुर्बानी के लिए ख़रीदा गया जानवर का ज़बह करना
सवाल – एक आदमी ने (जिस पर क़ुर्बानी वाजिब थी) क़ुर्बानी का जानवर ख़रीदा, मगर उस को ज़बह नहीं कर सका, यहां तक के क़ुर्बानी के अय्याम गुज़र गए, तो वह क़ुर्बानी की क़ज़ा कैसे करे?
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