फ़तावा

एतेकाफ़ के दौरान हाथ घोने के लिए मस्जिद से निकलना

सवाल – अगर कोई शख़्स सुन्नत एतेकाफ़ में बैठा हो, तो क्या उस के लिए जाईज़ है के खाने के वक़्त हाथ धोने के लिए वह मस्जिद से बाहर निकल कर हाथ घोए?

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बाप का अपने नाबालिग बच्चों कि तरफ़ से सदक़ए फ़ित्र अदा करना

सवाल – अगर नाबालिग़ बच्चों के पास निसाब के बक़दर माल हो, तो क्या बाप उन के माल से उन का सदक़ए फ़ित्र अदा कर सकता है?

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सदक़ए फ़ित्र ज़कात के निसाब के बराबर देना

सवाल – अगर कोइ शख़्स किसी ग़रीब आदमी को इतना ज़्यादा सदक़ए फ़ित्र दे के दी हुई रक़म ज़कात के निसाब को पहुंच जाए, तो क्या यह जाइज़ है?

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एतेकाफ़ की नज़र मानना/ अपने ऊपर एतेकाफ़ लाज़िम करना

सवाल – अगर किसी शख़्स ने अपने ऊपर एतेकाफ़ को वाजिब कर दिया (मषलन उस ने नज़र मानी के अगर कोइ काम पूरा हो जाए, तो वह एतेकाफ़ करेगा), तो अगर वह काम पूरा हो जाए क्या उस को एतेकाफ़ में बैठना वाजिब होगा?

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