जब इन्सान की सांस उखड़ जाए और सांस लेना कठिन हो जाए, बदन के अंग ढीले पड़ जाए के खड़ा न हो सके, नाक टेढ़ी हो जाए, कनपटयाँ बैठ जाऐं, तो समझना चाहिये के उस की मौत का वक़्त आ गया है. शरीअत में ऐसे शख़्स को “मुहतज़र” (क़रीबुल मर्ग) कहा गया है...
Read More »ज़िंदगी के अंतिम क्षण
كُلُّ نَفْسٍ ذَائِقَةُ الْمَوْتِ
"हर जानदार को मौत का मज़ा चखना हे." (सूरऎ आली इमरान)
मौत ऎक ऎसी अटल हक़िक़त (सच्चाई) है, जिस से किसी को छुटकारा नहीं है. मौमिन और काफ़िर दोनों ने इस की हक़्क़ानियत (सच्चाई) का स्वीकार किया हैं... Read More »अदायगीए – हज के लिए अपनी बुन्यादी (मुल) जरूरी चीजें फरोखत (बेचना) करना
सवाल– अगर किसी के पास हज अदा करने के लिए पुरी रकम न हो, तो कया उस को अपनी हवाईजे असलिय्याह (ज़रूरत की चीज़ें मसलन घर, घरेलु सामान वग़ैरह) का बेचना ज़रूरी है; ताकि वह हज कर सके?
Read More »शरई कारन के बगैर तवाफे विदाअ तर्क करना
सवाल – अगर कोई शख़्स बिना शर’ई उज़्र के तवाफ़ और तवाफ़-ए-विदा’ छोड़ दे तो क्या उस पर दम वाजिब होगा?
Read More »हैज (माहवारी) या नीफास की वजह से तवाफे विदाअ छोड देना
सवाल – क्या औरत के लिए हैज़ या निफ़ास की वजह से तवाफ़-ए-विदा’ छोड़ना जायज़ है? (हैज़=औरत के मासिक धर्म का खून) (निफा़स= वो खून जो औरत को बच्चा जनने से चालीस रोज़ तक टपकता रहता है)
Read More »हालते एहराम में चेहरा छुपाने की वजह से दम की अदायगी (भुगतान)
सवाल – अगर कोई औरत एहराम की हालत में अपना चेहरा ढांप ले, तो क्या उस पर दम वाजिब होगा?
Read More »हालते एहराम में चेहरे का परदा
सवाल – औरत के लिये हालते एहराम में चेहरे के परदे के बारे में शरीयत का क्या हुकम है?
Read More »हालते हैज (माहवारी) में तवाफे जियारत करना
सवाल – हज के दरमियान, तवाफे-जि़यारत से पेहले औरत (महिला) को हैज़ (माहवारी) शुरू हो जाए तो क्या वह हैज़ की हालत (माहवारी) में ज़ियारत कर सकती है?
Read More »तवाफे जियारत
सवाल – क्या हाजी पर वाजिब है कि वह हलक (सर मुंडवाने) के बाद तवाफे जि़यारत करे?
Read More »रमी जमरात, हलक (सर मुंडवाना) ओर कुरबानी में तरतिब
सवाल – क्या हाजी के लिए ज़रूरी है कि वह रमी-ए-जमरात, हलक (सर मुंडवाना) ओर दमे-शुक्र में मखसुस (खास) तरतीब का लिहाज़ रखे?
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