जब किसी की रूह निकल जाए, तो उस की आंखें बंद कर दो, सारे अंग ठीक कर दो, हाथों को उस के किनारे कर दो, उंगलियों और जोड़ों को ढीला कर दो, मुंह को इस तरीक़े से बांध दो के एक कपड़ा थोड़ी के नीचे से निकालो और उस के …
और पढ़ो »मौत के वक़्त कलमए शहादत की तलक़ीन
जो लोग क़रीबुल मर्ग (मरने वाले) के पास बैठे हों, उन के लिए मुस्तहब है के आवाज़ के साथ कलमए शहादत पढ़हें, ताकि उन का कलमा सुन कर क़रीबुल मर्ग (मरनेवाला) भी कलमा पढ़ने लगे.(इस को शरीअत में कलमए शहादत की तलक़ीन कहा जाता है...
और पढ़ो »ज़िंदगी की अंतिम सांसे
जब इन्सान की सांस उखड़ जाए और सांस लेना कठिन हो जाए, बदन के अंग ढीले पड़ जाए के खड़ा न हो सके, नाक टेढ़ी हो जाए, कनपटयाँ बैठ जाऐं, तो समझना चाहिये के उस की मौत का वक़्त आ गया है. शरीअत में ऐसे शख़्स को “मुहतज़र” (क़रीबुल मर्ग) कहा गया है...
और पढ़ो »ज़िंदगी के अंतिम क्षण
كُلُّ نَفْسٍ ذَائِقَةُ الْمَوْتِ
"हर जानदार को मौत का मज़ा चखना हे." (सूरऎ आली इमरान)
मौत ऎक ऎसी अटल हक़िक़त (सच्चाई) है, जिस से किसी को छुटकारा नहीं है. मौमिन और काफ़िर दोनों ने इस की हक़्क़ानियत (सच्चाई) का स्वीकार किया हैं... और पढ़ो »अदायगीए – हज के लिए अपनी बुन्यादी (मुल) जरूरी चीजें फरोखत (बेचना) करना
सवाल– अगर किसी के पास हज अदा करने के लिए पुरी रकम न हो, तो कया उस को अपनी हवाईजे असलिय्याह (ज़रूरत की चीज़ें मसलन घर, घरेलु सामान वग़ैरह) का बेचना ज़रूरी है; ताकि वह हज कर सके?
और पढ़ो »शरई कारन के बगैर तवाफे विदाअ तर्क करना
सवाल – अगर कोई शख़्स बिना शर’ई उज़्र के तवाफ़ और तवाफ़-ए-विदा’ छोड़ दे तो क्या उस पर दम वाजिब होगा?
और पढ़ो »हैज (माहवारी) या नीफास की वजह से तवाफे विदाअ छोड देना
सवाल – क्या औरत के लिए हैज़ या निफ़ास की वजह से तवाफ़-ए-विदा’ छोड़ना जायज़ है? (हैज़=औरत के मासिक धर्म का खून) (निफा़स= वो खून जो औरत को बच्चा जनने से चालीस रोज़ तक टपकता रहता है)
और पढ़ो »हालते एहराम में चेहरा छुपाने की वजह से दम की अदायगी (भुगतान)
सवाल – अगर कोई औरत एहराम की हालत में अपना चेहरा ढांप ले, तो क्या उस पर दम वाजिब होगा?
और पढ़ो »हालते एहराम में चेहरे का परदा
सवाल – औरत के लिये हालते एहराम में चेहरे के परदे के बारे में शरीयत का क्या हुकम है?
और पढ़ो »हालते हैज (माहवारी) में तवाफे जियारत करना
सवाल – हज के दरमियान, तवाफे-जि़यारत से पेहले औरत (महिला) को हैज़ (माहवारी) शुरू हो जाए तो क्या वह हैज़ की हालत (माहवारी) में ज़ियारत कर सकती है?
और पढ़ो »
Alislaam.com – اردو हिन्दी ગુજરાતી