फ़तावा

ख़ुले सर के साथ बैतुलख़ला में दाख़िल होना

सवाल – जब हम बैतुलख़ला में या ग़ुसलख़ाने में जाते हैं तो सर पर दुपट्टा लेना ज़ररी है? और मर्द नंगे सर बैतुलख़ला में जा सकते हैं? और अगर ज़रूरी है तो क्युं ?

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ऐहतेलाम के बाद बिस्तर को धोना

सवाल – ऐहतेलाम के बाद बीस्तर को भी धोना चाहीए ? ओर क्या जिस बिस्तर पर ऐहतेलाम आए अगर उन बिस्तरों को धोए बगैर (अगली रात) उस बिस्तर पर सोने से पाक कपडें भी नापाक हो जाते हैं ?

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पानी की मौजुदगी में तयम्मुम करना

सवाल – अगर किसी मर्द या औरत पर गुसल फ़र्ज हो जाये ओर उस से यह भी अंदेशा हो के में गुसल करुंगा तो नमाज़ का वकत चला जाएगा यअनी नमाज़ भी मेरी कज़ा होगी अब वह कया करें ? अगर वह तयम्मुम करेगा तो भी उसे नजासत दूर करनी …

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वकत की कमी की वजह से तयम्मुम करना

सवाल – अगर जनाबत की हालत में मसलन एहतेलाम हो जाए ओर आंख फ़जर की नमाज़ छुटने में पांच या दस मीनट हों अब वो केसे नमाज़ पढें ? तयम्मुम करके नमाज पढें ओर बाद में गुसल कर के दोबारा नमाज़ पढें ? ओर एक मील में कीतने कीलोमीटर हें …

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इस्तिन्जा के बाद पेशाब के क़तरात निकलना

सवाल – मुझे एक मसअला जिस की वजहसे में बहुत परेशान हुं, कयुंकि में किसी भी सुरत में अपनी नमाज़ को जाईअ करना नही चाहता, मेरे हर बार पेशाब के बाद दो-तीन या उस से ज़्यादा कतरें निकलते हैं. अकसर जब में वुज़ू करता हुं. बराए महेरबानी मुझे यह बता …

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मज़ी का निकलना गुसल के दौरान

सवाल – मेरा सवाल यह है के जब में गुसल करता हुं तो गुसल के दौरान में कुछ पानी निकलता है, शायद मजी, अगर यह पानी निकले तो कया गुसल दोबारा शुरुअ करना पडेगा या नही या फीर दोबारा इस्तिन्जा करे और दोबारा गुसल शुरुअ से करें ?

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नापाकी के आसार (नीशानी) को हाथ के साथ घोना

सवाल – गुसल के दौरान अपने उज्वे मखसुस (पेशाब की जगह) को भी हाथ लगा कर घोना चाहिए या सिर्फ पानी डाला जाए ? और अगर कभी इन्सान के उपर गुसल वाजिब हो जाए ओर मजबूरी की वजह से (पानी न हो) तो कया करना चाहिए ?

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