फ़तावा

मज़ी का निकलना गुसल के दौरान

सवाल – मेरा सवाल यह है के जब में गुसल करता हुं तो गुसल के दौरान में कुछ पानी निकलता है, शायद मजी, अगर यह पानी निकले तो कया गुसल दोबारा शुरुअ करना पडेगा या नही या फीर दोबारा इस्तिन्जा करे और दोबारा गुसल शुरुअ से करें ?

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नापाकी के आसार (नीशानी) को हाथ के साथ घोना

सवाल – गुसल के दौरान अपने उज्वे मखसुस (पेशाब की जगह) को भी हाथ लगा कर घोना चाहिए या सिर्फ पानी डाला जाए ? और अगर कभी इन्सान के उपर गुसल वाजिब हो जाए ओर मजबूरी की वजह से (पानी न हो) तो कया करना चाहिए ?

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मज़ी और मनी में फ़र्क

सवाल – मैं अकसर अवक़ात किसी से बात करुं तो मेरा पानी निकल जाता है, तो उस पर गुसल करना पडता है और उस से रोज़ह तो बातील(टुटता) नही होता? मेरी निय्यत ख़राब नहीं होती लेकीन पता नही कया मस्अला है, बराए मेहरबानी कुछ बता दें इस बारे में और …

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नमाज़ और तिलावत जनाबत की हालत में

सवाल – कया गुसल फ़र्ज होने के बाद अच्छी तरह वुज़ू करके कुर्आन ओर नमाज़ पढ सकते हैं ? जब के कपडे पाक हों ?

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मय्यित की तकफ़ीन

मय्यित (मर्द) का कफ़न बिछाने और पेहनाने का तरीक़ा (१) मर्दकेकफ़नमेंतीनकपड़े मस्नूनहैः कमीज(कुर्ता), इज़ारऔरलिफ़ाफ़ा(चादर). (२) इज़ारसरसेलेकर पैर तकहोनाचाहिए. लिफ़ाफ़ा(चादर), इज़ारसेथोड़ा लंबाहोऔरकमीज(कुर्ता) गर्दन सेपैरतकहोनाचाहिए....

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मय्यित को नेहलाने का तरीक़ा-भाग-२

वुज़ु गुसल देनेवाला मय्यित को इस्तिन्जा कराने के बाद वुज़ु कराए. मय्यित को वुज़ु कराने का तरीक़ा वही है जो जीवित शख़्स के लिए है.(जो सुन्नतें जीवित शख़्स के लिए हैं, मय्यित को वुज़ु कराने में भी उन का ख़्याल रख्खा जाएगा) मात्र इतना फ़र्क़ है के मय्यित को कुल्ली …

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मय्यित को नेहलाने का तरीक़ा-भाग-१

जब मय्यित के गुसलऔर कफ़न दफ़न का प्रबंध हो जाए, तो मय्यित को स्ट्रेचर या तख़्त पर लिटा देंऔर गुसल के लिए ले जाऐं. अगर मुमकिन हो तो  तख़्त यास्ट्रेचर को तीन, पांच या सात दफ़ा किसी ख़ुश्बुदारचीज़ की धुनी दे दें, ताकि अगर मय्यित के बदन से किसी प्रकार की बदबू ख़ारिज हो...

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