इस्लाम धर्म ने मुसलमानों को हुक़ूक़ुल्लाह(अल्लाह तआला के अधिकार) और हुक़ूक़ुल इबाद(बंदो के अधिकार) अदा करने का आदेश दिया है. हुक़ूक़ुल इबाद(बंदो के अधिकार) में से दो तरह के अधिकार होते हैं...
और पढ़ो »ज़कात की तारीख़ से पेहले माल का प्राप्त होना
सवाल:– अगर किसी शख़्स को अपनी ज़कात की तारीख़ से पेहले कुछ अधिक माल मिल जाए,और वह माल उस की ज़कात की तारीख पर उस के पास बाकी रहे तो क्या उस अधिक माल पर भी ज़कात फ़र्ज़ है? मिसाल के तौर पर ज़ैद साहिबे-निसाब (निसाब के बराबर माल का …
और पढ़ो »ग़ैर मुस्लिम रिश्तेदार को ग़ुसल देना
अगर किसी मुसलमान के क़रीबी ग़ैरमुस्लिम रिश्तेदार का मृत्यु हो जाए, तो उस की लाश उस के(मय्यित के)ग़ैरमुस्लिम रिश्तेदार के हवाले कर दी जाए या उन लोगों के हवाले कर दी जाए जो मय्यित के धर्म के माननेवाले हैं. और अगर मय्यित के ग़ैरमुस्लिम रिश्तेदार न हों या ग़ैरमुस्लिम रिश्तेदार हों...
और पढ़ो »ज़कात की तारीख़ कैसे नियुक्त की जाए
ज़कात कब फ़र्ज़ होगी और ज़कात निकालने की तारीख़ कैसे नियुक्त कि जाएगी?...
और पढ़ो »न पहचानने योग्य लाशों को कैसे दफनाया जाए?
अगर मुसलमानों और ग़ैर मुस्लिमों का एक साथ इन्तेक़ाल (मृत्यु) हो जाए (जैसा के भूकंप और बाढ़ वग़ैरह में होता है) और मुसलमानों और ग़ैर मुस्लिमों की लाशों में फ़र्क करना अशक्य हो, तो उस की विभिन्न सूरतें है...
और पढ़ो »सोने और चांदी के अलावह क़ीमती पथ्थरों पर ज़कात
सवाल – क्या हीरे-जवाहरात, बहुमूल्य रत्न तथा मोती और प्लैटिनम पर ज़कात फ़र्ज है?
और पढ़ो »न पहचानने योग्य लाशों का ग़ुसल और जनाज़ा नमाज़
अगर कोई लाश मिले और यह मालूम न हो के वह मुसलमान की लाश है या काफ़िर की, तो निम्नलिखित अहकाम(आदेश) संबंधित है...
और पढ़ो »मुख़तलिफ़ क़िसम के माल पर ज़कात
सवाल – कोनसे माल पर ज़कात फ़र्ज है?
और पढ़ो »लाश का कुछ हिस्सा मिले तो कैसे ग़ुसल दिया जाए?
(१) अगर मय्यित का सिर्फ सर मिले और जिस्म न मिले, तो ग़ुसल देना वाजिब नहीं होगा, बल्कि सिर्फ सर को दफ़न कर दिया जाएगा...
और पढ़ो »क़र्ज़दार के ऊपर ज़कात
क्या ऐसे साहिबे निसाब पर ज़कात फर्ज है जिस के ज़िम्मे क़र्ज हो ?...
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