फ़तावा

सोने और चांदी की ज़कात निकालने का तरीक़ा

सवाल – सोना और चांदी की ज़कात निकालने का क्या तरीक़ा है? दूसरा सवाल यह है के सोने और चांदी के आभूषण की ज़कात निकालते वक़्त क्या क़ीमत में कारीगरी का एतेबार किया जाएगा?

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जनाज़े की नमाज़ में पढ़ने की दुआ

(१२) अगर मय्यित नाबालिग़ लड़का हो, तो निम्नलिखित दुआ पढ़ी जाएः اَللّٰهُمَّ اجْعَلْهُ لَنَا فَرَطًا وَّاجْعَلْهُ لَنَا اَجْرًا وَّذُخْرًا وَّاجْعَلْهُ لَنَا شَافِعًا وَّمُشَفَّعًا ए अल्लाह! उस बच्चे को हमारे लिए पेश रव बना(यअनी वह आख़िरत महुंच कर हमारे लिए राहत और आराम के असबाब तैय्यार कराए) और उस को हमारे …

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ज़कात की तारीख़ से पेहले माल का ख़तम हो जाना

सवाल:– अगर किसी का माल उस की ज़कात की तारीख़ से पेहले कम हो जाए, तो वह कितनी मिक़दार (मात्रा) पर ज़कात अदा करे? मिसाल के तौर पर बकर दस लाख रूपये का मालिक है. वह दस लाख रूपये पूरे साल उस के पास रहे. बकर की ज़कात की तारीख़ …

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जनाज़े की नमाज़ का तरीक़ा

जनाज़े की नमाज़ अदा करने का मस्नून तरीक़ा निम्नलिखित हैः (१) मय्यित को इमाम के सामने इस तरह रख्खा जाए के उस का सर इमाम के दायीं जानिब हो और उस का पैर इमाम के बायीं जानिब हो इसी तरह के मय्यित को इस तरह रख्खा जाए के उस के …

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जनाज़े की नमाज़

इस्लाम धर्म ने मुसलमानों को हुक़ूक़ुल्लाह(अल्लाह तआला के अधिकार) और हुक़ूक़ुल इबाद(बंदो के अधिकार) अदा करने का आदेश दिया है. हुक़ूक़ुल इबाद(बंदो के अधिकार) में से दो तरह के अधिकार होते हैं...

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ज़कात की तारीख़ से पेहले माल का प्राप्त होना

सवाल:– अगर किसी शख़्स को अपनी ज़कात की तारीख़ से पेहले कुछ अधिक माल मिल जाए,और वह माल उस की ज़कात की तारीख पर उस के पास बाकी रहे तो क्या उस अधिक माल पर भी ज़कात फ़र्ज़ है? मिसाल के तौर पर ज़ैद साहिबे-निसाब (निसाब के बराबर माल का …

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ग़ैर मुस्लिम रिश्तेदार को ग़ुसल देना

अगर किसी मुसलमान के क़रीबी ग़ैरमुस्लिम रिश्तेदार का मृत्यु हो जाए, तो उस की लाश उस के(मय्यित के)ग़ैरमुस्लिम रिश्तेदार के हवाले कर दी जाए या उन लोगों के हवाले कर दी जाए जो मय्यित के धर्म के माननेवाले हैं. और अगर मय्यित के ग़ैरमुस्लिम रिश्तेदार न हों या ग़ैरमुस्लिम रिश्तेदार हों...

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न पहचानने योग्य लाशों को कैसे दफनाया जाए?

अगर मुसलमानों और ग़ैर मुस्लिमों का एक साथ इन्तेक़ाल (मृत्यु) हो जाए (जैसा के भूकंप और बाढ़ वग़ैरह में होता है) और मुसलमानों और ग़ैर मुस्लिमों की लाशों में फ़र्क करना अशक्य हो, तो उस की विभिन्न सूरतें है...

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