फ़तावा

रमज़ान के महीने में शरई उज़र के बग़ैर रोज़ा न रखना

सवाल – अगर कोई आदमी शरई ‘उज़र के बग़ैर रमज़ानुल मुबारक में रोज़ा न रखे और लोगों के सामने खुलम खुल्ला खाए पीए तो ऐसे आदमी का क्या हुक्म है?

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नमाज़े जनाज़ा के सहीह होने के लिए मय्यित से मुतअल्लिक़ शरतें

दूसरी क़िसम की शरतें वह हैं जो मय्यित से मुतअल्लिक़ हैं. ऐसी शरतें छ(६) हैं जो निम्नलिखित हैः [1] (१) मय्यित मुसलमान हो. अगर मय्यित काफ़िर या मुरतद हो, तो उस की जनाज़े की नमाज़ अदा नहीं की जाएगी और मुसलमान अगर चे फ़ासिक़ व फ़ाजिर या बिदअती हो, फिर …

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क़र्ज़ माफ़ करने से ज़कात का हुकम

सवाल:– अगर क़र्ज़-ख़्वाह (उधार देने वाला) क़र्ज़-दार (उधार लेने वाले) को क़र्ज़ और दैन (वह उधार जो बेचे गए सामान के बदले हो) माफ़ कर दे और माफ़ करते वक्त उसने ज़कात अदा कर ने की निय्यत की, तो क्या महज़ क़र्ज़ और दैन (वह उधार जो बेचे गए सामान …

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नमाज़े जनाज़ा के सहीह होने की शरतें

जनाज़े की नमाज़ के सहीह होने के लिए दो क़िसम की शरतें हैः (१) नमाज़ से मुतअल्लिक़ शरतें और (२) मय्यित से मुतअल्लिक़ शरतैं. नमाज़ से मुतअल्लिक़ शराईतः जनाज़े की नमाज़ की सिहत के लिए बिअयनिही वह शरतें हैं, जो आम नमाज़ों की सिहत के लिए ज़रूरी हैं यअनीः (१) …

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किराऐ पर ज़कात

सवाल:– क्या किराये की रक़म पर ज़कात फ़र्ज़ है यानी अगर किरायेदार ने किराये की रक़म मकान के मालिक को अदा नहीं की है तो क्या मकान के मालिक पर किराये की रक़म की ज़कात फ़र्ज़ होगी और अगर कई सालों के बाद किरायेदार किराया अदा करे तो क्या पिछले …

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नमाज़े जनाज़ा के फ़राईज़ और सुन्नते

नमाज़े जनाज़ा में दो चीजें फ़र्ज़ हैः (१) चारों तकबीरें केहना. (२) खड़े हो कर नमाज़े जनाज़ा पढ़ना मगर यह के कोई माज़ूर(लाचार,विविश) हो, तो उस के लिए बैढ़ कर पढ़ने की भी गुंजाईश है...

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