सवाल – क्या हाजी के लिए जरूरी हे के वह रमी जमरात, हलक (सर मुंडवाना) ओर कुरबानी में मखसुस (खास) तरतीब का लिहाझ रखे?
और पढ़ो »हर जमरह की रमी के लिए कितनी कंकरिया जरूरी हैं ?
सवाल – हर जमरह की रमी के लिए कितनी कंकरिया जरूरी हैं?
और पढ़ो »रमी जमरात का सही समय
सवाल – रमी जमरात के दिनों में रमी जमरात का सही समय क्या हैं?
और पढ़ो »महिलाओं ओर बच्चों का मुज़दल्फ़ह में पूरी रात न गुजारना
सवाल – क्या महिलाओं ओर बच्चों के लिए जाइज है कि वह पुरी रात मुज़दल्फ़ह में न गुजारें?
और पढ़ो »मुज़दल्फ़ह में पूरी रात गुजारना
सवाल – क्या हाजी के लिए पुरी रात मुज़दल्फ़ह में गुज़ारना वाजिब हे?
और पढ़ो »वुकूफे अरफा का मस्नून वक्त (समय)
सवाल – वुकूफ़े अरफ़ा का मस्नून वक़्त (समय) कोनसा हे?
और पढ़ो »वुकूफे अरफा का वक्त (समय)
सवाल – वुकूफ़े अरफ़ा का वक़्त कोनसा हे?
और पढ़ो »एहराम बांधने के बाद सफर पर कादिर न होना
सवाल – एक आदमी ने हज या उमरह का एहराम बांध लिया, लेकिन उस को ऐसी बिमारी लग गई कि अब वह सफरे हज पर नहीं जा सकता है, इस मसअलह में शरीअत क्या कहती है? ओर वह आदमी एहराम से कैसे निकलेगा?
और पढ़ो »क्या उस औरत पर हज्ज फर्ज हे, जिस के पास महरम न हो
सवाल – एक औरत के पास हज्ज की इस्तिता’अत (ताकत) है, मगर उस के साथ जानेवाला कोइ महरम रिश्तेदार नहीं है, तो क्या उस पर हज्ज फर्ज होगा?
और पढ़ो »व्यापार संभालने के लिए मुनासिब (उपयुक्त) आदमी न मिलने की वजह से हज्ज बाद में अदा करना ?
सवाल – एक आदमी हज की इस्तिता’अत (ताकत) रखता है, लेकिन वो हज के लिए नहीं जा रहा है, क्योंकि उस को कोई ऐसा मुनासिब आदमी नहीं मिल रहा है, जो उस की गैर मौजुदगी में उस की तिजारत (व्यापार) संभाल सके. इस बारे में शरीअत क्या केहती है?
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