फ़तावा

मज़ी का निकलना गुसल के दौरान

सवाल – मेरा सवाल यह है के जब में गुसल करता हुं तो गुसल के दौरान में कुछ पानी निकलता है, शायद मजी, अगर यह पानी निकले तो कया गुसल दोबारा शुरुअ करना पडेगा या नही या फीर दोबारा इस्तिन्जा करे और दोबारा गुसल शुरुअ से करें ?

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नापाकी के आसार (नीशानी) को हाथ के साथ घोना

सवाल – गुसल के दौरान अपने उज्वे मखसुस (पेशाब की जगह) को भी हाथ लगा कर घोना चाहिए या सिर्फ पानी डाला जाए ? और अगर कभी इन्सान के उपर गुसल वाजिब हो जाए ओर मजबूरी की वजह से (पानी न हो) तो कया करना चाहिए ?

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मज़ी और मनी में फ़र्क

सवाल – मैं अकसर अवक़ात किसी से बात करुं तो मेरा पानी निकल जाता है, तो उस पर गुसल करना पडता है और उस से रोज़ह तो बातील(टुटता) नही होता? मेरी निय्यत ख़राब नहीं होती लेकीन पता नही कया मस्अला है, बराए मेहरबानी कुछ बता दें इस बारे में और …

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नमाज़ और तिलावत जनाबत की हालत में

सवाल – कया गुसल फ़र्ज होने के बाद अच्छी तरह वुज़ू करके कुर्आन ओर नमाज़ पढ सकते हैं ? जब के कपडे पाक हों ?

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अदायगीए – हज के लिए अपनी बुन्यादी (मुल) जरूरी चीजें फरोखत (बेचना) करना

सवाल– अगर किसी के पास हज अदा करने के लिए पुरी रकम न हो, तो कया उस को अपनी हवाईजे असलिय्याह (ज़रूरत की चीज़ें मसलन घर, घरेलु सामान वग़ैरह) का बेचना ज़रूरी है; ताकि वह हज कर सके?

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हैज (माहवारी) या नीफास की वजह से तवाफे विदाअ छोड देना

सवाल – क्या औरत के लिए हैज़ या निफ़ास की वजह से तवाफ़-ए-विदा’ छोड़ना जायज़ है? (हैज़=औरत के मासिक धर्म का खून) (निफा़स= वो खून जो औरत को बच्चा जनने से चालीस रोज़ तक टपकता रहता है)

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