फ़तावा

हाईज़ा औरत का रमज़ानुल मुबारक में खुल्लम खुला खाना पीना

सवाल – बाज़ उलमा की राए यह है के हाईज़ा औरत के लिए रमज़ानुल मुबारक के दिनो में खाना पीना जाईज़ है जब के कुछ उलमा की राए यह है के उस को इफ़तार तक खाने पीने से गुरैज़ करना चाहिए. बराए महरबानी वज़ाहत फ़रमाऐं.

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रोज़े की हालत में दातों के दरमियान अटके हुए खाने के ज़र्रात को निगलना

सवाल – अगर कोई रोज़े की हालत में दातों के दरमियान खाने की अटकी हुई चीज़ें निगल ले, तो क्या उस का रोज़ा टूट जाएगा?

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ऐसे नाबालिग़ पर सदक़ए फ़ित्र जिस को ईद की सुबह से पेहले माल हासिल हो

सवाल – क्या ऐसे नाबालिग़ पर सदक़ए फ़ित्र वाजिब होगा, जिस को सुबह सादिक़ से पेहले ज़कात के निसाब के बराबर माल हासिल हुवा हो?

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रोज़े में इन्हेलर(दवा का भपारा लेने का आला) इस्तेमाल करने का हुक्म

सवाल – क्या दम के मरीज़ के लिए रोज़े के दौरान इन्हेलर का इस्तेमाल जाईज़ है? (वाज़ेह रहे के इन्हेलर में सय्याल (liquid, प्रवाही) दवा होती हे)। अगर इन्हेलर से रोज़ा टूट जाता है, तो क्या उस पर क़ज़ा और कफ़्फ़ारा दोनों लाज़िम होंगे या सिर्फ क़ज़ा लाज़िम होगी?

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ड़ाकटर के मशवरे से रोज़ा तोड़ना

सवाल – एक शख़्स को रोज़े के दौरान सख़्त बीमारी लाहिक़ हुई. ड़ाकटर ने उस को रोज़ा तोड़ने का मशवरा दिया, तो उस ने रोज़ा तोड़ दिया. सवाल यह है के क्या वह रोज़ा तोड़ने की वजह से गुनहगार होगा और क्या उस पर क़ज़ा और कफ़्फ़ारा दोनों लाज़िम होंगे …

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