सवाल – एक इमाम साहब ने रमज़ान के महीने में बीस रकआत तरावीह की नमाज़ पढ़ाई. तरावीह के दौरान इमाम साहब तशह्हुद में बैठे बग़ैर तीसरी रकअत के लिए खड़े हो कर चार रकआत के साथ नमाज़ को मुकम्मल कर ली, तो क्या तरावीह की यह चार रकआत दुरूस्त हुई. …
और पढ़ो »तरावीह की नमाज़ की जगह क़ज़ा नमाज़ें पढ़ना
सवाल – अगर किसी केज़िम्मे बहोत क़ज़ा नमाज़ें हैं, क्या रमज़ान के महीने में तरावीह की नमाज़ के बदले क़ज़ा नमाज़ें पढ़ सकता है?
और पढ़ो »क़ज़ा की निय्यत से शव्वाल के छ रोज़े रखना
सवाल – में शव्वाल के छ नफ़ल रोज़े क़ज़ा की निय्यत से रखना चाहता हुं, अगर में उन छ नफ़ल रोज़ों को क़ज़ा की निय्यत से रखुं, तो क्या मुझे शव्वाल के उन छ नफ़ल रोज़ों का मख़सूस षवाब (जो हदीष शरीफ़ में वारिद है) मिलेगा?
और पढ़ो »शव्वाल के रोज़े की फ़ज़ीलत
सवाल – शव्वाल के छ रोज़े की फ़ज़ीलत वाली हदीष की क्या हैषियत है? क्या यह हदीष अमल के क़ाबिल है या नहीं? तथा हदीष के अलफ़ाज़ क्या हैं. बराए महेरबानी बता दिजीए.
और पढ़ो »किसी शख़्स का अपने परिवार के उन अफ़राद की तरफ़ से सदक़ए फ़ित्र अदा करना जिन की वह मदद नहीं करता है
सवाल – अगर कोई शख़्स अपनी बीवी और बालिग़ औलाद (जिन का खर्च वह खुद बरदाश्त नही करता है) की तरफ़ से उन की इजाज़त के बग़ैर उन का सदक़ए फ़ित्र अदा करे, तो क्या उन का सदक़ए फ़ित्र अदा हो जाएगा?
और पढ़ो »सदक़ए फ़ित्र वाजिब होने के बाद माल बरबाद हो जाना
सवाल – अगर किसी शख़्स ने सदक़ए फ़ित्र अदा नही किया और उस का सारा माल हलाक हो गया, तो क्या सदक़ए फ़ित्र का वुजूब उस के जिम्मे से साक़ित हो जाएगा?
और पढ़ो »दूसरे लोगों की तरफ़ से सदक़ए फ़ित्र अदा करना
सवाल – अगर कोई शख़्स अपनी बीवी और बच्चों के अलावह दूसरे लोगों की तरफ़ से उन की इजाज़त के बग़ैर सदक़ए फ़ित्र अदा करे, तो क्या सदक़ए फ़ित्र अदा हो जाएगा?
और पढ़ो »किसी शख़्स का अपने मातहतों (बिवी और बच्चों वग़ैरह) की तरफ़ से सदक़ए फ़ित्र अदा करना
सवाल – अगर कोई शख़्स अपनी बीवी और बालिग़ औलाद का सदक़ए फ़ित्र उन की इजाज़त के बग़ैर अदा करे, तो क्या उन का सदक़ए फ़ित्र अदा हो जाएगा?
और पढ़ो »ग़ैर इस्लामी मुल्क में ग़ैर मुस्लिम ग़रीब आदमी को सदक़ए फ़ित्र देना
सवाल – अगर कोई शख़्स ग़ैर इस्लामी मुल्क में ग़रीब आदमी को सदक़ए फ़ित्र दे, तो क्या उस का सदक़ए फ़ित्र अदा हो जाएगा?
और पढ़ो »इस्लामी मुल्क में ग़ैर मुस्लिम ग़रीब आदमी को सदक़ए फ़ित्र देना
सवाल – अगर कोई शख़्स इस्लामी मुल्क में ग़ैर मुस्लिम ग़रीब आदमी (ज़िम्मी) को सदक़ए फ़ित्र दे, तो क्या उस का सदक़ए फ़ित्र अदा हो जाएगा?
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