फ़तावा

रोज़े में मसोढ़ों से ख़ून निकलना

सवाल – अगर रोज़े के दौरान मसोढ़ों से ख़ून निकल जाए और हलक़ में दाखिल हो जाए, तो क्या उस से रोज़ा टूट जाएगा? अगर रोज़ा टूट जाएगा, तो क्या क़ज़ा और कफ़्फ़ारह दोनों लाज़िम होंगे या सिर्फ क़ज़ा लाज़िम होगी?

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रोज़े के दौरान कुल्ली या नाक साफ़ करते समय हलक़ में पानी चला जाना

सवाल – अगर वुज़ू या ग़ुसल में रोज़ेदार के हलक़ में पानी चला गया कुल्ली या नाक साफ़ करने से, तो क्या इस से उस का रोज़ा टूट जाएगा?

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रोज़े के दौरान बख़ूर वगैरह का धुवां सुंधना

सवाल – अगर कोई शख़्स रोज़े के दौरान बग़ैर क़स्द और इरादे के बख़ूर और लौबान वग़ैरह का धुवां सुंध ले, तो क्या उस का रोज़ा फ़ासिद हो जाएगा?

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रमज़ान के महीने में दिन में सफ़र शुरूअ करने वाले पर रोज़ा

सवाल – एक शख़्स रमज़ान में दिन के वक्त सफ़र शुरू करने वाला है और सुबह सादिक़ के वक्त (जिस समय रोज़ा शुरूअ होता है) वह अपने इलाक़े ही में है, और मुसाफिर नहीं है तो क्या उस के लिए रोज़ा न रखना जाईज़ है?

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रोज़े को फ़ासिद समझ कर जानबुझ कर खाना पीना

सवाल – किसी ने रोज़े के दौरान भूल कर कुछ खा लिया, उस के बाद यह सोच कर के रोज़ा टूट चुका है, जानबूझ कर कुछ खा लिया, तो क्या उस से रोज़ा फ़ासिद हो गया? अगर रोज़ा फ़ासिद हुवा, तो क़ज़ा के साथ कफ़्फ़ारह भी लाज़िम होगा या मात्र …

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