सवाल – क्या बाप पर नाबालिग़ बच्चों की तरफ़ से क़ुर्बानी वाजिब है?
और पढ़ो »क़ुर्बानी की नज़र मानना(मानता मानना)
सवाल – शरीअत के रू से उस आदमी का क्या हुकम है जिस ने नज़र मानी के अगर उस का फ़लां काम हो गया, तो वह क़ुर्बानी करेगा, तो अगर उस का फ़लां काम हो जाए, क्या उस पर क़ुर्बानी वाजिब होगी. मज़ीद यह भी बताए की इस मसअले में …
और पढ़ो »ग़रीब आदमी का क़ुर्बानी के लिए जानवर ख़रीदना
सवाल – ग़रीब आदमी ने (जिस पर क़ुर्बानी वाजिब नहीं थी) क़ुर्बानी के लिए जानवर ख़रीदा, तो क्या उस पर क़ुर्बानी वाजिब हो जाएगी?
और पढ़ो »क़ुर्बानी के दिनों में साहिबे निसाब होने वाले पर कुर्बानी
सवाल – एक शख़्स पर साहिबे निसाब न होने की वजह से कुर्बानी वाजिब नही थी, मगर बारह ज़िल हिज्जह को सूरज के ग़ुरूब होने से पहले वह निसाब के बराबर माल का मालिक बन गया, तो क्या उस पर कुर्बानी वाजिब होगी?
और पढ़ो »बारह ज़िल हिज्जह को ग़ुरूबे शम्स से पेहले धर लौटने वाले मुसाफ़िर पर क़ुर्बानी
सवाल – एक शख़्स दस, ग्यारह और बारह ज़िल हिज्जह को सफ़र की हालत में था, मगर वह बारह ज़िल हिज्जह को सूरज के ग़ुरूब होने से पेहले धर वापस आ गया, तो क्या उस पर क़ुर्बानी वाजिब होगी?
और पढ़ो »मुसाफ़िर पर क़ुर्बानी
सवाल – क्या मुसाफ़िर पर क़ुर्बानी वाजिब है?
और पढ़ो »क़ुर्बानी का वुजूब
सवाल – क़ुर्बानी किस पर वाजिब है?
और पढ़ो »हाईज़ा औरत का रमज़ानुल मुबारक में खुल्लम खुला खाना पीना
सवाल – बाज़ उलमा की राए यह है के हाईज़ा औरत के लिए रमज़ानुल मुबारक के दिनो में खाना पीना जाईज़ है जब के कुछ उलमा की राए यह है के उस को इफ़तार तक खाने पीने से गुरैज़ करना चाहिए. बराए महरबानी वज़ाहत फ़रमाऐं.
और पढ़ो »रोज़े की हालत में दातों के दरमियान अटके हुए खाने के ज़र्रात को निगलना
सवाल – अगर कोई रोज़े की हालत में दातों के दरमियान खाने की अटकी हुई चीज़ें निगल ले, तो क्या उस का रोज़ा टूट जाएगा?
और पढ़ो »रोज़े की हालत में पछना लगवाना
सवाल – क्या रोज़े में पछना लगवाने से रोज़ा टूट जाता है?
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