(१७) बेहतर यह है कि जामे’ दुआ करें।
हज़रत आयशा रज़ियल्लाहु अन्हा फ़रमाती हैं कि हज़रत रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि व-सल्लम जामे’ दुआ पसंद फ़रमाते थे और गैर-जामे’ दुआ छोड़ देते थे।
नीचे कुछ मसनून दुआ नकल की जा रहे हैं जो मुख़्तलिफ़ अह़ादीसे-मुबारका में वारिद हुई हैं और जामे’ हैं:
رَبَّنَا آتِنَا فِيْ الدُّنْيَا حَسَنَةً وَفِيْ الْآخِرَةِ حَسَنَةً وَقِنَا عَذَابَ النَّارِ
ऐ अल्लाह! हमें दुनिया में भी भलाई अता फ़रमा और आख़िरत में भी भलाई अता फ़रमा और हमें जहन्नम के अज़ाब से बचा ले।
اَللّٰهُمَّ إِنِّيْ أَسْأَلُكَ مِنْ خَيْرِ مَا سَأَلَكَ مِنْهُ نَبِيُّكَ مُحَمَّدٌ صَلّٰى اللهُ عَلَيْهِ وَسَلَّمَ وَأَعُوْذُ بِكَ مِنْ شَرِّ مَا اسْتَعَاذَ مِنْهُ نَبِيُّكَ مُحَمَّدٌ صَلّٰى اللهُ عَلَيْهِ وَسَلَّمَ وَأَنْتَ الْمُسْتَعَانُ وَعَلَيْكَ الْبَلَاغُ وَلَا حَوْلَ وَلَا قُوَّةَ إِلَّا بِاللهِ
ऐ अल्लाह! मैं आप से वो भलाई मांगता हूं, जो आप से आप के नबी मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व-सल्लम ने मांगी है और उस बुराई से आप की पनाह मांगता हूं जिस से आप के नबी मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व-सल्लम ने पनाह मांगी है और तुझ ही से मदद तलब की जाती है और तु ही मुरादें पुरी करने वाला हैं और (गुनाह से बचने की) ताकत और (नेकी करने की) कुव्वत अल्लाह ही की मदद से हासिल होती है।
(१८) अल्लाह तआला से आफ़ियत की दुआ करें (यानी यह दुआ करें कि अल्लाह तआला आप को जिन्दगी के तमाम कामों में आफ़ियत अता करें)
हज़रत अब्बास रज़ियल्लाहु अन्हु फ़रमाते हैं कि मैंने एक मर्तबा नबी-ए-करीम सल्लल्लाहु अलैहि व-सल्लम से अर्ज़ किया: ऐ अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व-सल्लम! मुझे कोई ऐसी दुआ बताएं, जो मैं अल्लाह तआला से मांगू। नबी-ए-करीम सल्लल्लाहु अलैहि व-सल्लम ने फरमाया कि अल्लाह तआला से आफ़ियत (जिस्मानी और रूहानी सुकून) मांगो। कुछ दिन के बाद मैं दोबारा आप सल्लल्लाहु अलैहि व-सल्लम की ख़िदमत में हाज़िर हुआ और अर्ज़ किया: ऐ अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व-सल्लम! मुझे कोई ऐसी दुआ बताएं जो मैं अल्लाह तआला से मांगूं। आप सल्लल्लाहु अलैहि व-सल्लम ने फरमाया: ऐ अब्बास! ऐ अल्लाह के रसूल के चचा! आफ़ियत मांगो अल्लाह तआला से दुनिया और आख़िरत के लिए।