Daily Archives: October 7, 2021

जुम्आ के दिन असर की नमाज़ के बाद अस्सी मर्तबा दुरूद शरीफ़ पढ़ने से अस्सी साल के गुनाहों की बख़शिश

दूरी की हालत में अपनी रूह को ख़िदमते अक़दस (सल्लल्लाहु अलयहि वसल्लम) में भेजा करता था, वह मेरी नाईब बन कर आस्ताना मुबारक चूमती थी, अब जिस्मों की हाज़री की बारी आई है अपना दस्ते मुबारक अता कीजिये, ताकि मेरे होंठ उस को चूमें...

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