Monthly Archives: November 2021

मुसलमानों के धार्मिक पतन पर सहानुभूति और चिंता व्यक्त करते हुए

दुनिया के नुक़सान को नुक़सान समझा जाता है लेकिन दीन के नुक़सान को नुक़सान नहीं समझा जाता, फिर हम पर आसमान वाला क्युं रहम करे, जब हमें मुसलमानों की दीनी हालत के अबतर होने पर रहम नहीं...

और पढ़ो »

(४) जनाज़े से संबंधित मुतफ़र्रिक़ मसअला

शहीद पर ग़ुसल वाजिब नहीं है, लिहाज़ा अगर किसी शख़्स को क़तल कर दिया गया हो, तो उस को उस के ख़ून के साथ दफ़न कर दिया जाएगा और उस को ग़ुसल देना वाजिब नहीं होगा, अगरचे...

और पढ़ो »

नबिए करीम (सल्लल्लाहु अलयहि वसल्लम) की शफ़ाअत

नुज़हतुल मजालिस में लिखा है के बाज़ सुलहा में से एक साहब को हबसे बौल हो गया(पेशाब रूक गया). उन्होंने सपने में आरिफ़ बिल्लाह हज़रत शैख़ शिहाबुद्दीन इब्ने रसलान को जो बड़े ज़ाहिद और आलिम थे देखा और उन से...

और पढ़ो »

बड़ो की इस्लाह का तरीक़ा

मौलवी मोहम्मद रशीद की इस बात से मेरा जी बड़ा ख़ुश हुवा, क्युंकि ज़ाहिर करना तो ज़रूरी ही था लेकिन उन्होंने निहायत अदब से ज़ाहिर किया. यह पूछा के क्या यह बैअ (ख़रीदो फ़रोख़्त) में तो दाख़िल नहीं...

और पढ़ो »

नमाज़ की सुन्नतें और आदाब – ४

दोनों पैरों को ऊंगलियों के सहारे ज़मीन पर इस तरह रखें के ऊंगलियों का रूख़ क़िब्ले की तरफ़ हो. सजदे की हालत में दोनों पैरों की ऐड़ियों को मिला कर रखना या उन को अलाहिदा रखना दोनों जाईज़ हैं. हदीष शरीफ़ में दोनों तरीक़े वारिद हैं...

और पढ़ो »

(३) जनाज़े से संबंधित मुतफ़र्रिक़ मसाईल

सवालः क्या मय्यित के क़रीब रिश्तेदार औरतें तअज़ियत करे या मोहल्ले की दूसरी औरतें भी तअज़ियत कर सकती हैं? जवाबः तअज़ियत सुन्नत है और तअज़ियत की सुन्नत मय्यित के क़रीबी रिश्तेदारों के साथ मख़सूस नहीं है. बलके मय्यित के क़रीबी रिश्तेदार और वह लोग जो मय्यित के रिश्तेदार नहीं हैं सब तअज़ियत कर सकते हैं...

और पढ़ो »

एक दुरूद पर दस नेकियां

“जो शख़्स मुझ पर दुरूद भेजता है, उस का दुरूद मेरे पास पहोंचता है (फ़रिश्तो के ज़रीए से) और में (भी) उस के दुरूद का जवाब देता हुं और उस के अलावह उस के लिए दस नेकियां (भी) लिखी जाती हैं.”...

और पढ़ो »

मोहब्बत का बग़ीचा (सोलहवां प्रकरण)‎

अल्लाह तआला ने दुनिया को सब से बेहतरीन शकल में पैदा किया है और उस का निज़ाम इतना मुसतहकम(मज़बूत) बनाया है के दुनिया का हर चीज़ मुकम्मल व्यवस्थित अंदाज़ मां अल्लाह तआला की इच्छा के अनुसार चल रही है...

और पढ़ो »

वास्तविक धन

“अल्लाह का नाम लिए जावो मरने के बाद यही काम आवेगा, मेरे प्यारो ! कहना मानो फिर कोई तुम को केहने वाला नही रहेगा, जब मरने वाला मरता है तो यहां वाले तो युं केहते हैं, अहलो अयाल के लिए क्या छोड़ा और वहां वाले पूछते हैं क्या लाया...

और पढ़ो »