सवाल – एक आदमी ने मय्यित की तरफ़ से जानवर ज़बह किया, तो वह उस के गोश्त का क्या करे?
जवाब – अगर मय्यित ने तिहाई माल में से अपनी तरफ़ से क़ुर्बानी करने की वसिय्यत की थी, तो पूरे गोश्त का सदक़ा करना ज़रूरी है. अलबत्ता अगर किसी ने मय्यित की तरफ़ से अपने माल से क़ुर्बानी की, तो उस के लिए उस का गोश्त इस्तेमाल करना दुरूस्त है.
अल्लाह तआला ज़्यादा जानने वाले हैं.
لو ضحى عن ميت وارثه بأمره لزمه التصدق بها وعدم الأكل منها وإن تبرع عنه له الأكل (رد المحتار ٦/٣٣٥)
و لو ضحى عن ميت من مال نفسه بغير أمر الميت جاز وله أن يتناول منه ولا يلزمه أن يتصدق به لأنها لم تصر ملكا للميت بل الذبح حصل على ملكه ولهذا لو كان على الذابح أضحية سقطت عنه وإن ضحى عن ميت من مال الميت بأمر الميت يلزمه التصدق بلحمه ولا يتناول منه لأن الأضحية تقع عن الميت (فتاوى قاضيخان ٣/٢۰٩)
(وعن ميت بالأمر) أى بأمره أن يضحى عنه … (ألزم) … أى ألزم الورثة أو الوصي (وإلا فكل) أى إن كانت التضحية عنه بغير أمره فكل (حاشية الطحطاوى على الدر المختار ٤/١٦٨)