सवाल – एक आदमी ने हज या उमरह का एहराम बांध लिया, लेकिन उस को ऐसी बिमारी लग गई कि अब वह सफरे हज पर नहीं जा सकता है, इस मसअलह में शरीअत क्या कहती है? ओर वह आदमी एहराम से कैसे निकलेगा?
जवाब – वह आदमी हूदूदे हरम के अंदर किसी से अपनी तरफ से दम – (दुंबह या बकरी) ज़बह कराए, जब जानवर ज़बह हो जाए, तो वह (महरम) एहराम से निकल जाएगा.
अल्लाह तआला ज्यादह जानने वाले हैं.
( إذا أحصر بعدو أو مرض ) أو موت محرم أو هلاك نفقة حل له التحلل فحينئذ ( بعث المفرد دما ) أو قيمته فإن لم يجد بقي محرما حتى يجد أو يتحلل بطواف وعن الثاني أنه يقوم الدم بالطعام ويتصدق به فإن لم يجد صام عن كل نصف صاع يوما ( والقارن دمين ) فلو بعث واحدا لم يتحلل عنه ( وعن يوم الذبح ) ليعلم متى يتحلل ويذبحه ( في الحرم ولو قبل يوم النحر ) خلافا لهما … ( و ) يجب ( عليه إن حل من حجه ) ولو نفلا ( حجة ) بالشروع ( وعمرة ) للتحلل إن لم يحج من عامه ( وعلى المعتمر عمرة ) وعلي ( القارن حجة وعمرتان ) إحداهما للتحلل ( الدر المختار 2/590-593 )
जवाब देनेवालेः
मुफ़ती झकरिया मांकडा
इजाझत देनेवालेः
मुफ़ती इब्राहीम सालेहजी