अपने को मिटाना चाहिए

हज़रत मौलाना अशरफ अली थानवी रह़िमहुल्लाह ने एक मर्तबा इर्शाद फ़रमाया:

एक बड़े फ़ाज़िल यहां आए और मुझ से कहा कि कुछ नसीहत कीजिए। मैंने कहा कि आप तो खुद आलिम हैं। मैं आप को क्या नसीहत करूं?

उन्होंने फिर इसरार किया। मैंने कहा: मुझे तो बस एक ही सबक याद है, उसी को दोहराए देता हूं।
वो यह कि अपने को मिटाना चाहिए। (यानी हर वक़्त अपने आप को कुछ न समझें और तवाज़ु वाली ज़िन्दगी इख़्तियार करें।)

इस का उन पर इतना असर हुआ कि रोने लगे। (मलफुज़ाते-हकीमुल-उम्मत, जिल्द: १०, पेज नंबर: ३३)

Check Also

अल्लाह की नज़र से गिरने की एक वजह

एक दीनी मद्रसा के एक मशहूर उस्ताद का ज़िक्र करते हुए हज़रत मौलाना मुह़म्मद इल्यास …