पवित्र पैगंबर सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने इरशाद फ़रमाया:
لو كان نبي بعدي لكان عمر بن الخطاب
अगर मेरे बाद कोई नबी होता, तो वह उमर बिन अल-खत्ताब होते (लेकिन चूँकि मैं खातमुल्-अंबिया हूं; इसलिए मेरे बाद कोई नबी नहीं आएगा)।
हजरत उमर रदि अल्लाहु अन्हु की तवाजु़
हज़रत मिस्वर बिन मख्रमा रदि अल्लाहु अन्हु बयान करते हैं कि जब हज़रत उमर रदि अल्लाहु अन्हु को भाले से मारा गया, तो वह ग़मगीन रहने लगे और उम्मत के बारे में बहुत ज्यादा फिक्रमंद हो गए।
उनकी हालत को देखकर हज़रत अब्दुल्ला बिन अब्बास रदि अल्लाहु अन्हुमा ने उन्हें तसल्ली देते हुए फ़रमाया:
ऐ अमीरूल मुमिनीन! आप को दुखी होने की जरूरत नहीं है; क्योंकि आप हज़रत रसूलुल्लाह की सोहबत में रहे, और आप ने उनकी सोहबत का हक़ अदा कर दिया, फिर नबी ए करीम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम इस दुनिया से इस हाल में रुखसत फरमा गई कि वह आपसे खुश थे.
उसके बाद वह हज़रत अबू बक्र रदि अल्लाहु अन्हु की सोहबत में रहे और आप ने इस ताल्लुक को बड़े इज्ज़त और एहतिराम के साथ निभाया, फिर हज़रत अबू बक्र रदि अल्लाहु अन्हु इस दुनिया से इस हालत में रुखसत हो गई कि वह आपसे राज़ी और खुश थे।
हज़रत अबू बक्र रदि अल्लाहु अन्हु की वफात के बाद आप मुसलमानों के दरम्यान (अमीर अल-मुमिनीन के रूप में) रहे और आप ने उम्मते मुस्लिमा के हुक़ूक़ की अदायगी में ज़रा बराबर कोताही नहीं की; इसलिए अगर आप की वफात हो जाए और आप मुसलमानों से जुदाहो जाए, तो यक़ीनन आप उन से इस हाल में जुदा होंगे कि वह आपसे राज़ी हैं।
हज़रत अब्दुल्ला बिन अब्बास रदि अल्लाहु अन्हु की बात सुनकर हज़रत उमर रदि अल्लाहु अन्हु ने जवाब दिया:
नबी ए करीम सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम की सोहबत और मुझ से आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की रजामंदी के बारे में जो कुछ आप ने बयान किया, तो (उस में मेरा कोई कमाल नहीं है; बल्कि) यह महज़ अल्लाह त’आला का मुझ पर बड़ा एहसान और फ़ज़ल-ओ-करम है.
जहाँ तक हज़रत अबू बक्र रदि अल्लाहु अन्हु के साथ मेरी रफाकत और सोहबत और मुझ से उनकी रजामंदी की बात है, तो यह भी अल्लाह त’आला का मुझ पर बड़ा एहसान और बेपनाह फ़ज़ल-ओ-करम है।
रही यह बात की बात है कि तुम मुझे बहुत ज्यादा ग़मगीन और फिक्रमंद दिखाई दे रहे हो, तो इस की वजह यह है कि मैं तुम्हारे बारे में और पूरी उम्मत के बारे में फिक्रमंद हुं (कि मेरे इस दुनिया से जाने के बाद तुम्हारा क्या हाल होगा)।
अल्लाह की क़सम! अगर मेरे पास दुनिया भर का सोना होता, तो मैं उसको अल्लाह त’आला के अजा़ब से अपने आप को बचाने के लिए फिदये के तौर पर खर्च कर देता, उस से पहले के मैं अल्लाह त’आला के हुजूर मैं खड़ा हो जाऊं और उनसे मुलाकात करुं।
हजरत उमर रदि अल्लाहु अन्हु के खौफ का आलम देखिये! उन्हें इस दुनिया में ही नबी ए करीम सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम की तरफ से जन्नत की खुश खबरी दी गई थी, फिर भी वो मौत के वक्त अल्लाह त’आला से कितना ज्यादा डर रहे हैं।