जनाज़े की नमाज़ की सिह्हत के लिए जमाअत शर्त नहीं है. चुनांचे अगर एक शख़्स भी मय्यित की जनाज़े की नमाज़ अदा करले, तो जनाज़े की नमाज़ दुरूस्त होगी, चाहे वह(जनाज़े की नमाज़ पढ़ने वाला) मुज़क्कर(मर्द) यो या मुअन्नत(स्त्री), बालिग़ हो या नाबालिग़. हर सूरत में जनाज़ की नमाज़ अदा हो जाएगी...
और पढ़ो »Monthly Archives: October 2020
उमूरे ख़ैर का हुसूल
उहद की लड़ाई में हुज़ूरे अक़दस (सल्लल्लाहु अलयहि वसल्लम) ने दरयाफ़्त फ़रमाया के सअद बिन रबीअ (रज़ि.) का हाल मालूम नही हुवा के क्या गुज़री. एक सहाबी(रज़ि.) को तलाश के लिए भेजा वह शुहदा की जमाअत में तलाश कर रहे थे...
और पढ़ो »अपने आमाल(कार्यों) से संतुष्ट नहीं होना
मेरे दोस्तो ! बहोत एहतियात रखो अपनी किसी हालत को अच्छा समझकर उस पर इतरावो मत, हज़रत अब्दुल्लाह बिन मस्ऊद (रज़ि.) का फ़रमान है के ज़िन्दा आदमी ख़तरे से बाहर नहीं...
और पढ़ो »सुरए अलम नशरह़ की तफ़सीर
क्या हम ने आप का सीना (ईल्म तथा हिल्म से) कुशादा नहीं कर दिया (१) और हम ने आप पर से आप का वह बोझ उतार दिया (२) जिस ने आप की क़मर तोड़ रखी थी (३) और हम ने आप के लिए आप का आवाज़ा(शोहरत) बुलंद किया (४)...
और पढ़ो »तक़दीर से संबंधित अक़ाईद
(१) तक़दीर का मतलब है तमाम चीज़ों के बारे में अल्लाह तआला का जामेअ और मुहीत इल्म (व्यापक ज्ञान) यअनी अल्लाह तआला को तमाम चीज़ों का इल्म पेहले ही से है, चाहे वह छोटी तथा बड़ी हो, चाहे वह अच्छी तथा बुरी हो, चाहे वह भूत काल से तथा वर्तमान काल से या आईन्दा होने वाले ज़माने से संबंधित हो...
और पढ़ो »मस्ज़िद की सुन्नतें और आदाब- (भाग-१)
हज़रत अनस बिन मालिक (रज़ि.) फ़रमाया करते थे के “मस्ज़िद में दाख़िल होने के समय दायां पैर पेहले दाखिल करना और निकलते समय बायां पैर पेहले निकालना सुन्नत में से है.”...
और पढ़ो »समुद्र में ड़ूब कर या कुंऐ में गिर कर मरना
अगर कोई व्यक्ति समुद्र में ड़ूब जाए और उस की लाश न मिले, तो उस के लिए न तो ग़ुसल है और न ही कफ़न और जनाज़े की नमाज़...
और पढ़ो »अल्लाह तआला की रज़ामंदी का हुसूल
हज़रत आंईशा (रज़ि.) से रिवायत है के रसूलुल्लाह(सल्लल्लाहु अलयहि वसल्लम) ने इरशाद फ़रमाया के “जो आदमी यह तमन्ना करता है के अल्लाह तआला से इस हाल में मिले के वह (अल्लाह तआला) उस से राज़ी हों, तो...
और पढ़ो »दीन में तरक़्क़ी की ज़रूरत
"दीन में ठ़ेहराव नहीं या तो आदमी दीन में तरक़्क़ी कर रहा होता है और या नीचे गिरने लगता है. उस का उदाहरण युं समझो के...
और पढ़ो »अज़ान और इक़ामत की सुन्नतें और आदाब-(भाग-२१)
अज़ान के जवाब की तरह इक़ामत का भी जवाब दें और जब قد قامت الصلاة (क़द क़ामतीस सलाह) कहा जाए, तो उस के जवाब में कहे...
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