दूसरे शब्दों में युं कहा जाये के चुंके उस ने एक बीवी के अधिकार (हुक़ूक़) को पूरा किया और दूसरी बीवी के अधिकार (हुक़ूक़) को पूरा न किया, बलके उस पर ज़ुलम किया, तो उस के पादाश में क़यामत के रोज़ उस को यह सज़ा दी जायेगी...
और पढ़ो »नमाज़ की सुन्नतें और आदाब – १
नमाज़ से पेहले (१) नमाज़ के वक़्त से पेहले ही नमाज़ के लिये अच्छी तरह तय्यारी कीजीये. शारिरीक तय्यारी के साथ साथ आप को मानसिक रूप से इस बात का पूरे तौर पर एहसास होना चाहिये के आप अल्लाह तआला की बारगाह में हाज़िर होने वाले हैं. [१] (२) हर …
और पढ़ो »निकाह की सुन्नतें और आदाब – ९
अगर एक घर के अन्दर परिवार के एसे सदस्य भी रेहते हों, जो औरत के लिये नामहरम हों, तो नामहरम मर्द और औरत के लिये ज़रूरी है के घर के अन्दर भी परदे का पूरा एहतेमाम करें...
और पढ़ो »नमाज़ की सुन्नतें और आदाब
मुसलमानों के जिवन में नमाज़ की जो महान महत्तवता है, वह बयानकी मोहताज नहीं है. नमाज़ की महत्तवता और महानता के लिए बस इतना ही काफ़ी है के क़यामत के दीन सब से पेहले जिस अमल के बारे में सवाल होगा वह नमाज़ है...
और पढ़ो »निकाह की सुन्नतें और आदाब – ८
बीवी को चाहिए के वह शौहर के तमाम अधिकार अदा करे, सारे जाईज़ कामों में उन की इताअत तथा फ़रमां बरदारी करे और जहां तक हो सके शौहर की ख़ूब ख़िदमत करे...
और पढ़ो »ग़ुसल की सुन्नतें और आदाब-६
हज़रत अब्दुल्लाह बिन अब्बास (रज़ि.) से रिवायत है के “रसूलुल्लाह (सल्लल्लाहु अलयहि वसल्लम) इदुल फ़ित्र और इदुल अज़हा के दिन ग़ुसल फ़रमाते थे.”...
और पढ़ो »ग़ुसल की सुन्नतें और आदाब-५
ग़ुसल के फ़राईज़ (१) इस तरह कुल्ली करना के मुंह के हर हिस्से में पानी पहोंच जाए. (२) नाक में पानी ड़ालना (नरम हड्डी तक पानी पहोंचाना). (३) पूरे बदन पर पानी बहाना. [१] ग़ुसल की सुन्नते (१) नापाकी दूर करने और पाक होने की निय्यत करना. (२) अगर बदन …
और पढ़ो »निकाह की सुन्नतें और आदाब – ७
शौहर को चाहिए के वह अपनी बिवी का लिहाज़ करे और उस के जज़बात का ख़्याल रखे, तमाम ऊमूर में उस के दिल को ख़ुश रखने की कोशिश करे...
और पढ़ो »ग़ुसल की सुन्नतें और आदाब-४
(१) ग़ुसल के दौरान पानी बरबाद न करें. न तो बहोत ज़्यादह पानी इस्तेमाल करें और न इतना कम पानी इस्तेमाल करें के पूरे तौर पर बदन को धोना मुमकिन न हो...
और पढ़ो »ग़ुसल की सुन्नतें और आदाब-३
ग़ुसल करने का मस्नून तरीक़ा (१) सर पर तीन मर्तबा पानी ड़ालना. [१] عن عائشة قالت كان رسول الله صلى الله عليه وسلم إذا أراد أن يغتسل من الجنابة بدأ فغسل يديه قبل أن يدخلهما الإناء ثم غسل فرجه ويتوضأ وضوءه للصلاة ثم يشرب شعره الماء ثم يحثي على رأسه …
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