जब हाथों को उठाए, तो इस बात का अच्छी तरह ख़्याल रखें के हथेलियां का क़िब्ला रूख़ हों और ऊंगलियां अपनी प्राकृतिक हालत पर हों, न तो फैली हुई हों और न मिली हुई हों...
और पढ़ो »नमाज़ की सुन्नतें और आदाब – १०
नमाज़ से पेहले (१) नमाज़ के लिए मुनासिब कपड़े पेहनने का विशेष प्रबंध किया जाए. औरत को चाहिए के वह एसा लिबास पेहने, जो उस के पूरे बदन और बाल को छूपा ले. यह अदब के ख़िलाफ़ है के औरत एसा तंग और चुस्त लिबास पेहने जिस से उस के …
और पढ़ो »नमाज़ की सुन्नतें और आदाब – ९
“नबिए करीम (सल्लल्लाहु अलयहि वसल्लम) के दौर में औरतों को हिदायत दी गई थी के वह नमाज़ के दौरान अपने अंगो को जितना ज़्यादा हो सके मिला कर रखें.”...
और पढ़ो »निकाह की सुन्नतें और आदाब – १४
अगर एक बहन का इन्तिक़ाल हो जाए अथवा वह उस को तलाक़ दे दे और उस की इद्दत गुज़र जाए, तो उस के लिए दूसरी बहन से निकाह करना जाईज़ होगा...
और पढ़ो »निकाह की सुन्नतें और आदाब – १३
अगर लड़का महरे फ़ातमी देना चाहे और महरे फ़ातमी महरे मिष्ल के बराबर हो तथा उस से ज़्यादा हो, तो यह जाईज़ है और अगर महरे फ़ातमी महरे मिष्ल से कम हो, लेकिन लड़की और लड़की के अवलिया इस मिक़दार से राज़ी हों, तो यह भी जाईज़ है...
और पढ़ो »नमाज़ की सुन्नतें और आदाब – ८
विविध मसाईल मर्दों की नमाज़ से संबंधित सवालः क्या मुक़्तदी इमाम के पीछे षना, तअव्वुज़, तसमिया और क़िराअत पढ़े? जवाबः मुक़्तदी सिर्फ़ षना पढ़े और उस के बाद ख़ामोश रहे. मुक़्तदी इमाम के पीछे तअव्वुज़, तसमिया और क़िराअत न पढ़े. सवालः अगर मुक़्तदी जमाअत में उस समय शामिल हो जाए …
और पढ़ो »निकाह की सुन्नतें और आदाब – १२
अगर दुल्हा और दुल्हन (तथा दोनों के वकील) अलग अलग जगहों पर हों और उन के लिए एक ही जगह पर जमा होना अशक्य हो जहां निकाह की मजलिस आयोजित होगी, तो दुल्हन को चाहिए के वह किसी को अपना वकील बना दे और उस को अपना निकाह कराने की इजाज़त दे दे. जब वकील उस की तरफ़ से निकाह क़बूल कर ले, तो निकाह सहीह हो जाएगा...
और पढ़ो »नमाज़ की सुन्नतें और आदाब – ७
(१) दूसरी रकात के दूसरे सजदे के बाद क़ाअदे में बैठें. कअदा में इस तरह बैठ जाऐं, जिस तरह “जलसे” में बैठे....
और पढ़ो »नमाज़ की सुन्नतें और आदाब – ६
पेहली रकअत के दूसरे सजदे के बाद तकबीर केह कर दूसरी रकअत के लिये खड़े हो जायें...
और पढ़ो »नमाज़ की सुन्नतें और आदाब – ५
तकबीर कहें और मामूल के अनुसार दूसरे सजदे में जायें (दूसरा सजदा करें)...
और पढ़ो »