अज़ान देने के समय निम्नलिखित सुन्नतों और आदाब का लिहाज़ रखा जाए (१) अज़ान और इक़ामत के दरमियान इतना वक़फ़ा(अंतर) करना के लोग अपनी ज़रूरियात से फ़ारिग़ हो कर नमाज़ के लिए मस्जिद आ सकें.[१] عن جابر رضي الله عنه أن رسول الله صلى الله عليه وسلم قال لبلال: إذا …
और पढ़ो »अज़ान और इक़ामत की सुन्नतें और आदाब-(भाग-११)
(१२) अज़ान के अलफ़ाज़ को मत बिगाड़ो और न ही ऐसे तरन्नुम(राग) और सुर के साथ अज़ान दो के अज़ान के अलफ़ाज़ बिगड़ जाऐं...
और पढ़ो »अज़ान और इक़ामत की सुन्नतें और आदाब-(भाग-१०)
عن عبد الله بن زيد رضي الله عنه قال … فأخبرته بما رأيت فقال: إنها لرؤيا حق إن شاء الله فقم مع بلال فألق عليه ما رأيت فليؤذن به فإنه أندى صوتا منك...
और पढ़ो »अज़ान और इक़ामत की सुन्नतें और आदाब-(भाग-९)
अज़ान देने के समय निम्नलिखित सुन्नतों और आदाब का लिहाज़ रखा जाए...
और पढ़ो »मिस्वाक की सुन्नतें और आदाब-(भाग-६)
मिस्वाक के फ़ज़ाईल(श्रेष्ठताऐं) عن عائشة قالت قال رسول الله صلى الله عليه وسلم فضل الصلاة التي يستاك لها على الصلاة التي لا يستاك لها سبعين ضعفا (المستدرك للحاكم رقم ۵۱۵)[२०] हज़रते आंईशा (रज़ि.) से रिवायत है के रसूलुल्लाह (सल्लल्लाहु अलयहि वसल्लम) ने इरशाद फ़रमाया, “जो नमाज़ मिस्वाक कर के अदा …
और पढ़ो »अज़ान और इक़ामत की सुन्नतें और आदाब-(भाग-८)
अज़ान देने के समय निम्नलिखित सुन्नतों और आदाब का लिहाज़ रखा जाए (४) क़िब्ले की तरफ़ रुख़ कर के अज़ान देना.[१] عن معاذ بن جبل رضي الله عنه قال… فجاء عبد الله بن زيد رجل من الأنصار وقال فيه فاستقبل القبلة … (سنن أبي داود رقم ۵٠۷) हज़रत मुआज़ बिन …
और पढ़ो »अज़ान और इक़ामत की सुन्नतें और आदाब-(भाग-७)
अज़ान देने के समय निम्नलिखित सुन्नतों और आदाब का लिहाज़ रखा जाए (१) निय्यत का दुरूस्त होना. अज़ान से महज़ रज़ाऐ इलाही की निय्यत हो. عن ابن عباس أن النبي صلى الله عليه وسلم قال: من أذن سبع سنين محتسبا كتبت له براءة من النار (سنن الترمذي رقم ۲٠٦) हज़रत …
और पढ़ो »अज़ान और इक़ामत की सुन्नतें और आदाब-(भाग-६)
मुअज़्ज़िनीन के अवसाफ़...
और पढ़ो »ईद की सुन्नतें और आदाब
सवाल – मुफ़्ती साहब ! कृपया कर के इद की सुन्नतें विगत से बयान करें और इस बात की वज़ाहत फ़रमाऐं के हमें यह मुबारक दिन किस तरह गुज़ारना चाहिए? जवाब – निम्नलिखित ऐक लेख पेश किया जा रहा है, जो हम ने ईद की सुन्नतें और आदाब के मोज़ुअ …
और पढ़ो »माहे रमज़ान के आदाब और सुन्नतें- ४
(१) रमज़ानुल मुबारक की हर शब बीस रकात तरावीह की नमाज़ अदा कीजिए. तरावीह की नमाज़ सुन्नते मुअक्कदह है. हज़रत उमर(रज़ि.) के दौर में तमाम सहाबए किराम(रज़ि.) ने बीस रकात तरावीह की नमाज़ पर इत्तेफ़ाक़(संतोष) किया था. तरावीह की नमाज़ में कम अज़ कम एक क़ुर्आन करीम मुकम्मल करने की कोशीश कीजिए. ..
और पढ़ो »