(९) अल्लाह तआला की ओर पूरा ध्यान रखकर दुआ करें। गफलत और लापरवाही से दुआ न करें और दुआ करते समय इधर-उधर न देखें। हज़रत अबू-हुरैरा रज़ियल्लाहु अन्हु से रिवायत है कि रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि व-सल्लम ने इर्शाद फरमाया: “अल्लाह तआला से दुआ करो, दुआ के क़ुबूल होने का यक़ीन …
और पढ़ो »दुवा की सुन्नतें और आदाब – ३
इद्दत के दौरान मना चीज़ें जिस औरत को तलाक़े-बाइन या तलाक़े-मुग़ल्लज़ा दी गई हो या उस के शौहर का इन्तिक़ाल हो गया हो, तो उसके लिए इद्दत के दौरान नीचे दी गई चीज़ें मना हैं: (१) इद्दत के दौरान निकाह करना जायज़ नहीं है। अगर निकाह करेगी तो उस का …
और पढ़ो »दुवा की सुन्नतें और आदाब – ५
(१) दुआ के शुरू में अल्लाह तआला की ह़म्द-ओ-सना बयान करें और उस के बाद नबी-ए-करीम सल्लल्लाहु अलैही व-सल्लम पर दुरूद भेजें, फिर इन्तिहाई आजिज़ी-व-ख़ाकसारी और अदब-ओ-आदर के साथ अल्लाह तआला के सामने अपनी ज़रूरतें पेश करें। हज़रत फ़ुज़ाला बिन उबैदुल्लाह रद़िय अल्लाहु अन्हू फ़रमाते हैं कि एक मर्तबा रसूलुल्लाह …
और पढ़ो »इद्दत की सुन्नतें और आदाब – २
शौहर की वफात के बाद बीवी की इद्दत के हुक्म (१) जब किसी औरत के शौहर का इन्तिका़ल हो जाए, तो उस पर ‘इद्दत में बैठना वाजिब है। ऐसी औरत की ‘इद्दत (जिस के शौहर का इन्तिका़ल हो जाए और वो हा़मिला {प्रेगनेंट} न हो) चार महीने दस दिन है। …
और पढ़ो »दुवा की सुन्नतें और आदाब – ४
दुआ की क़ुबूलियत के समय अज़ान और जिहाद के वक्त हज़रत सहल बिन सअ्द रदि अल्लाहु ‘अन्हू से रिवायत है कि रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने फ़रमाया: दो वक्त की दुआ रद नहीं की जाती हैं या बहुत कम रद की जाती हैं: एक अज़ान के वक्त और दूसरी …
और पढ़ो »माहे रमज़ान की सुन्नतें और आदाब – १
(१) रमज़ान से पेहले ही रमज़ान की तैयारी शुरू कर दी. बाज़ बुज़ुर्गाने दीन रमज़ान की तैयारी रमज़ान से छ महीने पेहले शुरू फ़रमा देते थे...
और पढ़ो »दुवा की सुन्नतें और आदाब – ३
वो लोग जिनकी दुआ कुबूल होती है (१) मां-बाप, मुसाफिर और मज़लूम (पीड़ित) हज़रत अबू हुरैरा रदि अल्लाहु ‘अन्हु से रिवायत है कि हज़रत रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु ‘अलैहि वसल्लम ने इरशाद फ़रमाया: तीन दुआ ऐसी हैं कि वो ज़रूर कबूल की जाएगी: – बाप (या मां) की दुआ (उनकी अवलाद के …
और पढ़ो »‘इद्दत की सुन्नतें और आदाब – १
‘इद्दत जब शौहर अपनी बीवी को तलाक दे दे या उसका इन्तेकाल हो जाए या दोनों मिया बीवी के निकाह को फस्ख (ख़तम करना) कर दिया जाए (बशर्ते कि शर’ई अदालत में निकाह के फस्ख करने की शर्तो का लिहाज रखा जाए) तो शरी’अत का हुक्म यह है कि बीवी …
और पढ़ो »दुवा की सुन्नतें और आदाब – २
दुआ की फजी़लतें (१) मोमीन का हथियार हज़रत अली रदि अल्लाहु अन्हु से रिवायत है कि हज़रत रसूले ख़ुदा सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने इरशाद फ़रमाया कि दुआ मोमीन का हथियार, दीन का सुतून और आसमानों और जमीन का नूर है। (२) इबादत का मग़्ज़ हज़रत अनस रदि अल्लाहु अन्हु से …
और पढ़ो »तलाक की सुन्नतैं और आदाब – ६
खुला अगर मियां बीवी के दरम्यान सुलह मुमकिन न हो और शौहर तलाक देने से इनकार करे, तो बीवी के लिए जायज़ है कि वह शौहर को कुछ माल या अपना महर दे दे और उसके बदले तलाक ले ले। अगर शौहर ने अभी तक महर अदा नहीं किया है, …
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