तफ़सीर

सूरतुल हुमज़ह की तफ़सीर

आप को कुछ मालूम है के वह तोड़ने वाली आग कैसी है? (५) वह अल्लाह तआला की आग है जो सुलगाई गई है (६) जो दिलों तक पहोंच जाएगी (७) वह उन पर बंद कर दी जाएगी (८) बड़े लंबे लंबे स्थंभो में (९)...

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सुरतुल अस्र की तफ़सीर

क़सम है ज़माने की (१) बेशक इन्सान बड़े घाटे में है (२) सिवाए उन लोगों के जो और इमान लाए और अच्छे काम किए और एक दूसरे को हक़ बात की नसीहत करते रहे और एक दूसरे को सबर की नसीहत करते रहे (३)...

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सुरए तकाषुर की तफ़सीर

بِسۡمِ اللّٰہِ الرَّحۡمٰنِ الرَّحِیۡمِ اَلۡہٰکُمُ  التَّکَاثُرُ ۙ﴿۱﴾ حَتّٰی زُرۡتُمُ  الۡمَقَابِرَ ؕ﴿۲﴾ کَلَّا  سَوۡفَ تَعۡلَمُوۡنَ ۙ﴿۳﴾ ثُمَّ  کَلَّا سَوۡفَ تَعۡلَمُوۡنَ ؕ﴿۴﴾ کَلَّا لَوۡ تَعۡلَمُوۡنَ عِلۡمَ  الۡیَقِیۡنِ ؕ﴿۵﴾ لَتَرَوُنَّ  الۡجَحِیۡمَ ۙ﴿۶﴾ ثُمَّ لَتَرَوُنَّہَا عَیۡنَ الۡیَقِیۡنِ ۙ﴿۷﴾ ثُمَّ لَتُسۡـَٔلُنَّ یَوۡمَئِذٍ عَنِ النَّعِیۡمِ ﴿۸﴾ ‎ एक दूसरे से ज़्यादा (दुनयवी साज़ो सामान) हासिल करने …

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सूरतुल बय्यिनह की तफ़सीर

जो लोग एहले किताब और मुशरिकों में से काफ़िर थे वह बाज़ आने वाले न थे, जब तक के उन के पास एक वाज़िह दलील (स्पष्ट तर्क) न आती (१) (यअनी) अल्लाह का एक रसूल, जो पाक सहीफ़े पढ़ कर सुनाए (२) जिन में दुरूस्त मज़ामीन लिखे हों (३) और जो लोग एहले किताब थे वह इस वाज़िह दलील (स्पष्ट तर्क) के आने के बाद ही मुख़तलिफ़ हुए (४)...

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सुरए अलक़ की तफ़सीर

(ए पयगंबर) आप (क़ुर्आन) अपने रब का नाम ले कर पढ़ा किजीए, जिस ने पैदा किया (१) जिस ने इन्सान को ख़ुन के लोठड़े से पैदा किया (२) आप क़ुर्आन पढ़ा किजीए और आप का रब बड़ा करीम है...

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