हज़रत मौलाना अशरफ़ अली थानवी(रह.) ने एक मर्तबा फ़रमायाः आजकल यह मर्ज़(रोग) भी आम(सामान्य) हो गया है के अकषर लोग दूसरों के पीछे पड़े हुए हैं अपनी मुत़लक़ फ़िकर नहीं...
और पढ़ो »दाढ़ी मुंड़वाने का नुक़सान
हज़रत शैख़ मौलाना मुहमंद ज़करिय्या (रह.) ने एक मर्तबा फ़रमायाः आज लोग दाढ़ी मुंड़वाने को गुनाह नहीं समझते, एक दफ़ा हुज़ूरे अकरम (सल्लल्लाहु अलयहि वसल्लम) के पास दो काफ़िर क़ासिद (संदेशा पहोंचाने वाला) आए वोह दाढ़ी मुंड़े थे, हुज़ूर (सल्लल्लाहु अलयहि वसल्लम) ने मुंह फैर लिया...
और पढ़ो »इख़लास – तमाम दीनी कामों की क़बूलियत की बुन्याद
हज़रत मौलाना मुहमंद इल्यास साहब(रह.) ने एक मर्तबा फ़रमाया के...
और पढ़ो »घर में दीनी माहौल पैदा करना
हज़रत शैख़ मौलाना मुहमंद ज़करिया(रह.) ने एक मर्तबा फ़रमाया...
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