दीने इस्लाम और उस के तमाम अरकान की बुन्याद अक़ाईद के सहीह होने पर है. अगर किसी आदमी के अक़ाईद दुरूस्त न हों...
और पढ़ो »अल्लाह तआला के बारे में अक़ाईद(मान्यता)
(१) मात्र अल्लाह तआला ही बरहक़ माबूद(सत्यता से पूजने के लायक) और इबादत के योग्य हैं...
और पढ़ो »अल्लाह तआला का मख़लूक़ के साथ मामला
(१) अल्लाह रब्बुल इज़्ज़त अपने बंदो पर बेहद(असिमित) मेहरबान हैं. अपने बंदो से बेइन्तेहा मुहब्बत करने वाले हैं और अल्लाह तआला निहायत हलीम और बुर्दबार(सहिष्णु) हैं. गुनाहों को बख़्शने वाले हैं और तौबा करने वाले हैं...
और पढ़ो »हज़रत रसूलुल्लाह(सल्लल्लाहु अलयहि वसल्लम) के बारे में अक़ाइद(मान्यता) का बयान
(१) हज़रत रसूलुल्लाह (सल्लल्लाहु अलयहि वसल्लम) अंतिम रसूल और ख़ातमुल अंबिया है. आप पर रिसालत तथा नुबुव्वत का सिलसिला मुनक़तिअ (ख़तम) हो चुका है. आप (सल्लल्लाहु अलयहि वसल्लम)के बाद...
और पढ़ो »अंबियाए किराम(अलै.) के बारे में अक़ाइद(मान्यता) का बयान
(१) अल्लाह तआला ने दुन्या में बहोत से अंबियाए किराम(अलै.) भेजे, ताकि वह लोगों को सीधा रास्ता दिखाऐं...
और पढ़ो »फ़रिश्तों से सम्बंधित अक़ाईद(मान्यता)
(१) फ़रिश्ते अल्लाह तआला के मासूम बंदे हैं और नूर से पैदा किए गए हैं. फ़रिश्ते हमें नज़र नहीं आ सकते हैं और वह न तो मुज़क्कर(मर्द) हैं और न ही मुअन्नष(औरत) हैं. तथा फ़रिश्ते इन्सानी ज़रूरतों(खाना, पीना और सोना वग़ैरह) से पाक हैं...
और पढ़ो »अल्लाह तआला की आसमानी किताबों और सहीफ़ों(दिव्य ग्रंथो) से संबंधित अक़ाईद
(१) अल्लाह तबारक व तआला ने इन्सानों की हिदायत के लिए मुख़तलिफ़(जुदा जुदा) अंबियाए किराम(अलै.) पर मुतअद्दद(अलग अलग) किताबें और सहीफ़े(दिव्य ग्रंथ) नाज़िल फ़रमाए. हमें अल्लाह तआला की कुछ आसमानी किताबों और सहीफ़ों से संबंधित क़ुर्आने करीम और अहअदीषे मुबारका में ख़बर दी गई है और कुछ से संबंधित हमें ख़बर नहीं दी गई है...
और पढ़ो »तक़दीर से संबंधित अक़ाईद
(१) तक़दीर का मतलब है तमाम चीज़ों के बारे में अल्लाह तआला का जामेअ और मुहीत इल्म (व्यापक ज्ञान) यअनी अल्लाह तआला को तमाम चीज़ों का इल्म पेहले ही से है, चाहे वह छोटी तथा बड़ी हो, चाहे वह अच्छी तथा बुरी हो, चाहे वह भूत काल से तथा वर्तमान काल से या आईन्दा होने वाले ज़माने से संबंधित हो...
और पढ़ो »क़यामत के दिन से संबंधित अक़ाईद
(१) क़यामत जुम्आ के दिन वाक़िअ होगी. क़यामत का दिन इस दुनिया का आख़री दिन होगा. उस दिन में अल्लाह तबारक व तआला पूरी काईनात(सृष्टि) को तबाह व बरबाद कर देंगे. क़यामत का ज्ञान सिर्फ़ अल्लाह सुब्हानहु व तआला को है. अल्लाह तआला के अलावह कोई नही जानता है कब इस दुन्या का अंत होगा और कब क़यामत आएगी...
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