लेख

बाग़े मुह़ब्बत (बत्तीसवाँ अंक)

शरीक-ए-हयात का इंतिख़ाब – भाग १ जीवनसाथी पसंद करते वक्त हर शख्स के मन में कुछ फिकर और डर होता हैं। लड़के को अच्छी बीवी के इंतिख़ाब की फिकर होती है जो उसके स्वभाव के मुताबिक हो; ताकि वह खुशगवार ज़िन्दगी गुज़ार सके। उसी तरह, उसको यह फिकर होती है …

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अम्र बिल मारूफ़ और नही अनिल मुनकर की ज़िम्मे दारी – प्रकरण ४

अम्र बिल मारूफ़ और नही अनिल मुनकर का फ़रीज़ा किस की ज़िम्मेदारी है? अम्र बिल मारूफ़ और नही अनिल मुनकर दीन का एक अहम फ़रीज़ा है. यह फ़रीज़ा उम्मत के हर फ़र्द की ज़िम्मे पर है, अलबत्ता हर फ़र्द इस फ़रीज़े को अपने इल्म और सहनशिलता के अनुसार अन्जाम देगा. …

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इत्तेबाए सुन्नत का प्रबंध – ४

  जुमहूर उम्मत के रास्ते पर चलना और शाज़ अक़वाल से बचवु नबिए करीम (सल्लल्लाहु अलयहि वसल्लम) ने इस बात की भविष्य वाणी फ़रमाई है के एक एसा ज़माना आएगा, जब लोग फ़ितनों और आज़माईशों में मुबतला होंगे. नीज़ उस ज़माने में बहोत से लोग किताबो सुन्नत के ख़िलाफ़ नई …

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(१५) जनाज़े से संबंधित मुतफ़र्रिक़ मसाईल

मय्यित की जनाज़ा नमाज़ और तदफ़ीन में देरी सवालः- अगर किसी ग़ैर मुलकी व्यक्ति का इन्तिक़ाल हो जावे और उस के घर वाले (जो उस के वतन में मुक़ीम (रेहने वाले) हैं) उस की लाश की मांग करें, तो क्या हमारे लिए उस की लाश को उन की तरफ़ भेजना …

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क़यामत की अलामात (संकेत)- तीसरा प्रकरण

क़यामत की बड़ी अलामतों से पेहले छोटी अलामतों का ज़ुहूर अहादीषे मुबारका में क़यामत की बहोत सी छोटी अलामतें बयान की गई हैं. इन छोटी अलामतों पर ग़ौर करने से हमें मालूम होता है के यह छोटी अलामतें जब पूरे आलम में तिव्रता के साथ रूनुमां होंगी और वह रफ़ता …

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मोहब्बत का बग़ीचा (तीसवां प्रकरण)‎

بسم الله الرحمن الرحيم हज़रत शैख़ अब्दुल क़ादिर जीलानी (रह.) की बुज़ुर्गी और सच्चाई का क़िस्सा हज़रत शैख़ अब्दुल क़ादिर जीलानी (रह.) छठ्ठी सदी हीजरी के जलीलुल क़दर उलमा अने उच्च तरीन बुज़ुर्गाने दीन में से थे. अल्लाह तआला ने आप को बे पनाह मक़बूलियत अता फ़रमाई थी जिस की …

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मोहब्बत का बग़ीचा (उनतीसवां प्रकरण)‎

بسم الله الرحمن الرحيم वालिदैन का अपनी औलाद के लिए अमली नमूना नबिए करीम (सल्लल्लाहु अलयहि वसल्लम) अल्लाह तआला की तमाम मख़लूक़ में से सब से अफ़ज़ल और बरतर थे. अल्लाह तआला ने आप को अपना आख़री रसूल बना कर भेजा और आप को सब से बेहतरीन दीन, दीने इस्लाम …

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मोहब्बत का बग़ीचा (अठ्ठाईसवां प्रकरण)‎

بسم الله الرحمن الرحيم औलाद की अच्छी तरबियत के लिए नेक संगात की ज़रूरत औलाद की अच्छी तरबियत के लिए वालिदैन पर ज़रूरी है के वह इस बात का प्रबंध करें के उन की औलाद नेक लोगों की सोहबत और अच्छे माहोल में रहे, क्युंकि नेक सोहबत और अच्छे माहोल …

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मोहब्बत का बग़ीचा (सताईसवां प्रकरण)‎

بسم الله الرحمن الرحيم बच्चे को अल्लाह तआला का परिचय कराना बच्चे की तरबियत अत्यंत अहम है. बच्चे की तरबियत की मिषाल इमारत की बुनियाद की तरह है. अगर इमारत की बुनियाद मज़बूत और पुख़्ता हो, तो इमारत भी मज़बूत और पुख़्ता रहेगी और हर तरह के हालात बरदाश्त करेगी. …

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मोहब्बत का बग़ीचा (छब्बिसवां प्रकरण)‎

بسم الله الرحمن الرحيم नेक औलाद – आख़िरत की असल पूंजी इन्सान पर अल्लाह तआला की बेश बहा नेअमतों में से एक नेअमत है, क़ुर्आने मजीद में अल्लाह तआला ने इस बड़ी नेअमत का ज़िकर फ़रमाया है. अल्लाह तआला का इरशाद हैः وَاللَّهُ جَعَلَ لَكُم مِّنْ أَنفُسِكُمْ أَزْوَاجًا وَجَعَلَ لَكُم …

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