ग़ुसल देने के वक़्त मय्यित को जिस तरह से भी रखना आसान हो उसी तरह उस को रखो, उस के लिए कोई विशेष सिम्त (दिशा) नियुक्त नहीं है...
और पढ़ो »अम्र बिल मारूफ़ और नही अनिल मुनकर की ज़िम्मे दारी – प्रकरण-७
लोगों की इस्लाह के वक्त रसूले करीम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम का अंदाज हज़रत हसन और हज़रत हुसैन रदि अल्…
रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु ‘अलैहि व सल्लम की मुबारक ज़बान से हज़रत सअ्द रदि अल्लाहु ‘अन्हु की तारीफ
हज़रत सअ्द रदि अल्लाहु ‘अन्हू एक दफा रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु ‘अलैहि व सल्लम के पास आए। उन्…
हज़रत सअ्द रदि अल्लाहु ‘अन्हु के लिए रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम की खुसूसी दुआ
गज़व-ए-उह़ुद में रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने हज़रत सअ्द रदि अल्लाहु ‘अन्हु के लिए ख…
अल्लाह त’आला की बारगाह में हज़रत स’अ्द रदि अल्लाहु ‘अन्हु की दुआओं की क़ुबूलियत
नबी ए करीम सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने हज़रत स’अ्द रदि अल्लाहु ‘अन्हु के लिए दुआ फ़रमाई:…
मौत के लिए हर एक को तैयारी करना है
शेखु-ल-ह़दीस हज़रत मौलाना मुह़म्मद ज़करिया रहिमहुल्लाह ने एक मर्तबा इरशाद फ़रमाया: मैं एक बात बहुत स…
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उम्मत का दुरूद नबी (सल्लल्लाहु अलयहि वसल्लम) को पहोंचना
अपने घरों को क़ब्रस्तान न बनावो (घरों को नेक आमालः नमाज़, तिलावत और ज़िक्र वग़ैरह से आबाद रखो. उन को क़ब्रस्तान की तरह मत बनावो जहां नेक आमाल नही होते हैं) और मेरी क़बर को जशन की जगह मत बनावो और मुझ पर दुरूद भेजो, क्युंकि तुम्हारा दुरूद मेरे पास (फ़रिश्तों के ज़रीए) पहोंचता है, चाहे तुम जहां कहीं भी हो...
और पढ़ो »मोहब्बत का बग़ीचा (सतरहवां प्रकरण)
जो व्यक्ति अल्लाह तआला की विशेष रहमत का तालिब है उसे चाहिए के वह पांच वक़्त की नमाज़ें जमाअत के साथ पाबंदी के साथ मस्जिद में अदा करे, तमाम गुनाहों से बचना और मख़लुक के साथ शफ़क़त तथा हमदरदी के साथ पेश आए और उन के अधिकार अदा करे...
और पढ़ो »मुसलमानों के धार्मिक पतन पर सहानुभूति और चिंता व्यक्त करते हुए
दुनिया के नुक़सान को नुक़सान समझा जाता है लेकिन दीन के नुक़सान को नुक़सान नहीं समझा जाता, फिर हम पर आसमान वाला क्युं रहम करे, जब हमें मुसलमानों की दीनी हालत के अबतर होने पर रहम नहीं...
और पढ़ो »नमाज़ की सुन्नतें और आदाब – ५
तकबीर कहें और मामूल के अनुसार दूसरे सजदे में जायें (दूसरा सजदा करें)...
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