हज़रत इमाम हसन रज़ि., इमाम हुसैन रज़ि. और हज़रत अब्दुल्लाह बिन जाफर रज़ि. की सख़ावत अबुल हसन मदाइनी रह़िमहुल्लाह कहते हैं कि हज़रत इमाम हसन रज़ि., इमाम हुसैन रज़ि. और हज़रत अब्दुल्लाह बिन जाफर रज़ि. हज के लिऐ तशरीफ़ ले जा रहे थे, रास्ते में उनके सामान के ऊँट उनसे …
और पढ़ो »दुरूद शरीफ़ क़यामत के दिन नूर का कारण
हज़रत अब्दुल्लाह बिन उमर (रज़ि.) से रिवायत है के रसूलुल्लाह (सल्लल्लाहु अलयहि वसल्लम) ने इरशाद फ़रमा…
रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि व-सल्लम का हज़रत अब्दुर्रहमान बिन औफ रज़ियल्लाहु अन्हु के सर पर अमामा बांधना
عندما أمّر رسول الله صلى الله عليه وسلم سيدنا عبد الرحمن بن عوف رضي الله عنه على جيش دومة الجندل، عم…
जुमआ के दिन कषरत से दुरूद शरीफ़ पढ़ना
عن أبي أمامة رضي الله عنه قال قال رسول الله صلى الله عليه و سلم أكثروا علي من الصلاة في كل يوم الجمع…
दुरूद-शरीफ़ की बरकत से तमाम दीनी और दुन्यवी ज़रूरतों की किफ़ायत
عن محمد بن يحيى بن حبان عن أبيه عن جده رضي الله عنه أن رجلا قال يا رسول الله صلى الله عليه وسلم أجعل…
मौत से पेहले जन्नत में ठिकाना नज़र आना
عن أبي موسى المديني رضي الله عنه قال قال رسول الله صلى الله عليه وسلم: من صلى علي يوم الجمعة ألف مرة…
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इद्दत की सुन्नतें और आदाब – ५
हके-हिज़ानत – बच्चों की परवरिश का हक अलाहिदगी या तलाक की हालत में, बच्चों की परवरिश का हक मां को हासिल होगा, जब तक वो शादी न कर ले। अगर वो किसी ऐसे शख़्स से शादी कर ले जो बच्चो की गैर-महरम हो, तो वो बच्चो की परवरिश का हक …
और पढ़ो »दुआ की सुन्नतें और आदाब – ७
(१७) बेहतर यह है कि जामे’ दुआ करें। हज़रत आयशा रज़ियल्लाहु अन्हा फ़रमाती हैं कि हज़रत रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि व-सल्लम जामे’ दुआ पसंद फ़रमाते थे और गैर-जामे’ दुआ छोड़ देते थे। नीचे कुछ मसनून दुआ नकल की जा रहे हैं जो मुख़्तलिफ़ अह़ादीसे-मुबारका में वारिद हुई हैं और जामे’ हैं: …
और पढ़ो »रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि व-सल्लम के हम-ज़ुल्फ़ (साढ़ू भाई)
قال سيدنا طلحة رضي الله عنه: كان النبي صلى الله عليه وسلم إذا رآني قال: (أنت) سِلْفي (عديلي) في الدنيا وسِلْفي في الآخرة (الأحاديث المختارة، الرقم: ٨٤٩) हज़रत तल्हा रज़ियल्लाहु अन्हु बयान करते हैं कि जब रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि व-सल्लम मुझे देखते तो आप फ़रमाते: (तुम) दुनिया और आख़िरत में …
और पढ़ो »दुआ मांगने से पहले दुरूद-शरीफ़ पढ़ना
عن عبد الله بن مسعود قال إذا أراد أحدكم أن يسأل فليبدأ بالمدحة والثناء على الله بما هو أهله ثم ليصل على النبي صلى الله عليه وسلم ثم ليسأل بعد فإنه أجدر أن ينجح...
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