નવા લેખો

क़यामत की अलामात (संकेत)- दूसरा प्रकरण

उलमाए किराम ने क़यामत की अलामतों को दो हिस्सों में तक़सीम किया हैः बड़ी अलामतें और छोटी अलामतें. छोटी अलामतों में सब से पेहली अलामत नबीए करीम (सल्लल्लाहु अलयहि वसल्लम) की इस दुनिया से रिहलत (जाना) है और बड़ी अलामतों में सब से पेहली अलामत इमाम महदी (अलै.) का ज़ुहूर (ज़ाहिर होना) है...

और पढ़ो »

मोहब्बत का बग़ीचा (बाईसवां प्रकरण)‎

अहादीषे मुबारका से अच्छी तरह स्पष्ट हो गया के इस्लाम में पड़ोसियों के अधिकार के मुतअल्लिक़ बहोत ज़्यादा महत्तवता दी गई हैं, लिहाज़ा हमें चाहिए के उन के तमाम अधिकार को अदा करने की भरपूर कोशिश करें...

और पढ़ो »

अल्लाह की मख़लूक़ के सरताज – हज़रत रसूलुल्लाह (सल्लल्लाहु ‎अलयहि वसल्लम)‎

عن ابن عباس رضي الله عنهما قال: جلس ناس من أصحاب رسول الله صلى الله عليه وسلم ينتظرونه قال: فخرج حتى إذا دنا منهم سمعهم يتذاكرون فسمع حديثهم فقال بعضهم: عجبا إن الله عز وجل اتخذ من خلقه خليلا اتخذ من إبراهيم خليلا وقال آخر: ماذا بأعجب من كلام موسى …

और पढ़ो »

सुरतुल फ़ील की तफ़सीर

क्या आप को मालूम नहीं के आप के रब ने हाथी वालों के साथ कैसा मामला किया (१) क्या उस ने उन लोगों की सारी तदबीरें बेकार नहीं कर दी थीं (२) और उन पर झुंड के झुंड परिन्दे भेज दिए थे...

और पढ़ो »