हज़रत ‘अली रद़ियल्लाहु ‘अन्हु ने हज़रत तल्हा और ज़ुबैर रद़ियल्लाहु ‘अन्हुमा के बारे में फरमाया: سمعت أذني مِن فِيْ رسول الله صلى الله عليه وسلم وهو يقول: طلحة والزبير جاراي في الجنة. (جامع الترمذي، الرقم: ٣٧٤١) मेरे कान ने बराहे-रास्त रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैही व-सल्लम के मुबारक मुंह से यह इरशाद …
और पढ़ो »अमल और मेहनत के बगैर कोई चारा नहीं है
शेख-उल-हदीस हजरत मौलाना मुहम्मद ज़करिया रहिमहुल्लाह ने एक मर्तबा इर्शाद फरमाया: मेरा प्यारो! कुछ कर …
रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैही व-सल्लम के महबूब
ذات مرة، قال سيدنا عثمان بن عفان رضي الله عنه عن سيدنا الزبير رضي الله عنه: أما والذي نفسي بيده إنه …
दुवा की सुन्नतें और आदाब – ५
(१) दुआ के शुरू में अल्लाह तआला की ह़म्द-ओ-सना बयान करें और उस के बाद नबी-ए-करीम सल्लल्लाहु अलैही व-…
सूरह इख़लास की तफ़सीर
قُل هُوَ اللّٰهُ اَحَدٌ ﴿١﴾ اللّٰهُ الصَّمَدُ ﴿٢﴾ لَم يَلِدْ وَلَم يُوْلَد ﴿٣﴾ وَلَمْ يَكُن لَ…
रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैही व-सल्लम का ह़वारी
रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैही व-सल्लम ने फ़रमाया: إن لكل نبي حواريا وإن حواريي الزبير بن العوام. (صحيح…
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फज़ाइले-आमाल – ६
हज़रत खब्बाब बिन अल-अरत्त रद़ियल्लाहु ‘अन्हु की तकलीफ़ें हज़रत खब्बाब बिन अल-अरत्त रद़ियल्लाहु ‘अन्हु भी उन्हीं मुबारक हस्तियों में हैं, जिन्होंने इम्तिहान के लिए अपने आप को पेश किया था और अल्लाह के रास्ते में सख्त से सख्त तक्लीफ़ें बर्दाश्त की। शुरू ही में पांच-छः आदमियों के बाद मुसलमान हो …
और पढ़ो »फज़ाइले-आमाल – ५
हज़रत अबूज़र ग़िफ़ारी का इस्लाम हजरत अबू ज़र गिफ़ारी रद़ियल्लाहु ‘अन्हु मशहूर सहाबी हैं, जो बाद में बड़े जाहिदों और बड़े उलेमा में से हुए। हज़रत अली कर्रमल्लाहु वज्हहू का इर्शाद है कि अबूजर (रद़ियल्लाहु ‘अन्हु) ऐसे इल्म को हासिल किए हुए हैं, जिससे लोग आजिज़ हैं, मगर उन्होंने इसको …
और पढ़ो »रसूलुल्लाह सल्लल्लाह अलैही व-सल्लम की तरफ से हज़रत सा’द रदि अल्लाहु अन्हू के लिए जन्नत की खुश्खबरी
एक बार रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि व-सल्लम ने अपने सहाबा ए किराम रदि अल्लाहु अन्हुम को मुखातिब करते हुए फरमाया: يطلع عليكم الآن رجل من أهل الجنة، فطلع سيدنا سعد بن أبي وقاص رضي الله عنه (مسند أحمد، الرقم: ١٢٦٩٧، مسند البزار، الرقم: ٦٨٣٦) अभी तुम्हारे सामने एक ऐसा व्यक्ति आयेगा …
और पढ़ो »फज़ाइले-सदकात – ४
सिला-रहमी हज़रत अब्दुल्लाह बिन अबी औफा रज़ि० फरमाते हैं कि हम शाम को हुज़ूरे अक़्दस सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम की ख़िदमत में हल्के के तौर पर चारों तरफ बैठे थे। हुजूर सल्लल्लाहु अलैही व-सल्लम ने फरमाया कि मज्मे में कोई शख़्स कता-रहमी करने वाला हो तो वह उठ जाए, हमारे …
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