क्या आप ने उस शख़्स को देखा है जो रोज़े जज़ा को झुटलाता है (१) तो वह वह शख़्स है जो यतीम को घक्के देता है (२) और मोहताज को खाना देने की तरग़ीब नहीं देता (३) फिर बड़ी ख़राबी है उन नमाज़ियों के लिए (४)...
और पढ़ो »हज़रत सअ्द रदि अल्लाहु ‘अन्हु के लिए रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम की खुसूसी दुआ
गज़व-ए-उह़ुद में रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने हज़रत सअ्द रदि अल्लाहु ‘अन्हु के लिए ख…
अल्लाह त’आला की बारगाह में हज़रत स’अ्द रदि अल्लाहु ‘अन्हु की दुआओं की क़ुबूलियत
नबी ए करीम सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने हज़रत स’अ्द रदि अल्लाहु ‘अन्हु के लिए दुआ फ़रमाई:…
मौत के लिए हर एक को तैयारी करना है
शेखु-ल-ह़दीस हज़रत मौलाना मुह़म्मद ज़करिया रहिमहुल्लाह ने एक मर्तबा इरशाद फ़रमाया: मैं एक बात बहुत स…
हज़रत स’अद बिन अबी वक्कास रदि अल्लाहु ‘अन्हु को जन्नत की बशारत
रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु ‘अलैहि व सल्लम ने फ़रमाया: स’अद जन्नत में होंगे (वो उन लोगों में स…
सूरह इखलास की तफ़सीर
قُل هُوَ اللّٰهُ اَحَدٌ ﴿١﴾ اللّٰهُ الصَّمَدُ ﴿٢﴾ لَم يَلِدْ وَلَم يُوْلَد ﴿٣﴾ وَلَمْ يَكُن لَ…
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अख़लाक़ और निस्बत
शैख़ुल हदीष हज़रत मौलाना मुहमंद ज़करिय्या (रह.) ने एक मर्तबा इरशाद फ़रमायाः “दूसरी बात यह है के निस्बत अलग है और अख़लाक़ अलग हैं. निस्बत ख़ास तअल्लुक़ मअल्लाह है जितना बढ़ावोगे बढ़ेगा घटावोगे घटेगा और एक है अख़लाक़. अख़लाक़ का तअल्लुक़ हुज़ूर (सल्लल्लाहु अलयहि वसल्लम) की सीरते तय्यिबा से है …
और पढ़ो »क़ज़ा की निय्यत से शव्वाल के छ रोज़े रखना
सवाल – में शव्वाल के छ नफ़ल रोज़े क़ज़ा की निय्यत से रखना चाहता हुं, अगर में उन छ नफ़ल रोज़ों को क़ज़ा की निय्यत से रखुं, तो क्या मुझे शव्वाल के उन छ नफ़ल रोज़ों का मख़सूस षवाब (जो हदीष शरीफ़ में वारिद है) मिलेगा?
और पढ़ो »अच्छे कर्म करने के अवसर का लाभ
हज़रत मौलाना मुहमंद इल्यास साहब(रह.) ने एक मर्तबा इरशाद फ़रमायाः “शैतान का यह बहोत बड़ा घोका और फ़रेब है के वह भविष्य में बड़े काम की उम्मीद बंघा कर उस छोटे ख़ैर के काम से रोक देता है जो फ़िलहाल मुमकिन होता है. वह चाहता है के बंदा उस वक़्त …
और पढ़ो »शव्वाल के रोज़े की फ़ज़ीलत
सवाल – शव्वाल के छ रोज़े की फ़ज़ीलत वाली हदीष की क्या हैषियत है? क्या यह हदीष अमल के क़ाबिल है या नहीं? तथा हदीष के अलफ़ाज़ क्या हैं. बराए महेरबानी बता दिजीए.
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