हज्ज और उमरह अदा करने वालों के लिए हिदायात (१) जब अल्लाह तआला किसी सआदत मंद शख़्स को हज्ज अदा करने का मौक़ा नसीब फ़रमाए, तो उस को इस महान ज़िम्मेदाी को अदा करने में ताख़ीर नही करनी चाहिए. किसी भी सूरत में बिला ज़रूरत उस को नहीं टालना चाहिए. …
और पढ़ो »हज़रत सअ्द रदि अल्लाहु ‘अन्हु के लिए रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम की खुसूसी दुआ
गज़व-ए-उह़ुद में रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने हज़रत सअ्द रदि अल्लाहु ‘अन्हु के लिए ख…
अल्लाह त’आला की बारगाह में हज़रत स’अ्द रदि अल्लाहु ‘अन्हु की दुआओं की क़ुबूलियत
नबी ए करीम सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने हज़रत स’अ्द रदि अल्लाहु ‘अन्हु के लिए दुआ फ़रमाई:…
मौत के लिए हर एक को तैयारी करना है
शेखु-ल-ह़दीस हज़रत मौलाना मुह़म्मद ज़करिया रहिमहुल्लाह ने एक मर्तबा इरशाद फ़रमाया: मैं एक बात बहुत स…
हज़रत स’अद बिन अबी वक्कास रदि अल्लाहु ‘अन्हु को जन्नत की बशारत
रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु ‘अलैहि व सल्लम ने फ़रमाया: स’अद जन्नत में होंगे (वो उन लोगों में स…
सूरह इखलास की तफ़सीर
قُل هُوَ اللّٰهُ اَحَدٌ ﴿١﴾ اللّٰهُ الصَّمَدُ ﴿٢﴾ لَم يَلِدْ وَلَم يُوْلَد ﴿٣﴾ وَلَمْ يَكُن لَ…
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हज्ज और उमरह की सुन्नतें और आदाब – ३
फ़रीज़ए हज्ज से ग़फ़लत बरतने पर वईद जिस तरह फ़रीज़ए हज्ज अदा करने वालों के लिए बे पनाह अजरो षवाब का वादा है, इसी तरह इसतिताअत (ताक़त) के बावजूद फ़रीज़ए हज्ज से ग़फ़लत बरतने वालों के लिए बड़ी सख़्त वईदें वारिद हुई हैं. नीचे में कुछ वइदें नकल की जाती …
और पढ़ो »हज्ज और उमरह की सुन्नतें और आदाब – २
हज्ज और उमरे के फ़ज़ाईल अहादीषे मुबारका में सहीह तरीक़े से हज्ज और उमरा अदा करने वाले के लिए बहोत सी फ़ज़ीलतें वारिद हुई हैं और उस के लिए बहोत से वादे के किए गए हैं. ज़ैल में कुछ फ़ज़ीलतें बयान की जाती हैं, जो अहादीषे मुबारका में वारिद हुई …
और पढ़ो »तरावीह की नमाज़ की जगह क़ज़ा नमाज़ें पढ़ना
सवाल – अगर किसी केज़िम्मे बहोत क़ज़ा नमाज़ें हैं, क्या रमज़ान के महीने में तरावीह की नमाज़ के बदले क़ज़ा नमाज़ें पढ़ सकता है?
और पढ़ो »हज्ज और उमरह की सुन्नतें और आदाब – १
हज्ज और उमरह हदीष शरीफ़ में नबीए करीम (सल्लल्लाहु अलयहि वसल्लम) ने दीने इस्लाम को एक एसे ख़ैमे से तश्बीह दी है, जिस की बुनियाद पांच सुतूनों पर क़ाईम है. इन सुतूनों में से मरकज़ी और सब से अहम सुतून “शहादत” है और दूसरे सुतून नमाज़, ज़कात, रोज़ा और हज्ज …
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