क़ुर्आने मजीद में हैः لَّقَدْ رَضِيَ اللَّهُ عَنِ الْمُؤْمِنِينَ إِذْ يُبَايِعُونَكَ تَحْتَ الشَّجَرَةِ فَعَلِمَ مَا فِي قُلُوبِهِمْ فَأَنزَلَ السَّكِينَةَ عَلَيْهِمْ وَأَثَابَهُمْ فَتْحًا قَرِيبًا ﴿١٨﴾ “बेशक अल्लाह तआला उन मोमिनों से बहोत ख़ुश हुए, जब वह आप से बयअत कर रहे थे दरख़्त के नीचे और उन के दिलों में जो …
और पढ़ो »हज़रत सअ्द रदि अल्लाहु ‘अन्हु के लिए रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम की खुसूसी दुआ
गज़व-ए-उह़ुद में रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने हज़रत सअ्द रदि अल्लाहु ‘अन्हु के लिए ख…
अल्लाह त’आला की बारगाह में हज़रत स’अ्द रदि अल्लाहु ‘अन्हु की दुआओं की क़ुबूलियत
नबी ए करीम सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने हज़रत स’अ्द रदि अल्लाहु ‘अन्हु के लिए दुआ फ़रमाई:…
मौत के लिए हर एक को तैयारी करना है
शेखु-ल-ह़दीस हज़रत मौलाना मुह़म्मद ज़करिया रहिमहुल्लाह ने एक मर्तबा इरशाद फ़रमाया: मैं एक बात बहुत स…
हज़रत स’अद बिन अबी वक्कास रदि अल्लाहु ‘अन्हु को जन्नत की बशारत
रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु ‘अलैहि व सल्लम ने फ़रमाया: स’अद जन्नत में होंगे (वो उन लोगों में स…
सूरह इखलास की तफ़सीर
قُل هُوَ اللّٰهُ اَحَدٌ ﴿١﴾ اللّٰهُ الصَّمَدُ ﴿٢﴾ لَم يَلِدْ وَلَم يُوْلَد ﴿٣﴾ وَلَمْ يَكُن لَ…
નવા લેખો
सहाबए किराम (रज़ि.) ने किस तरह से अल्ललाह तआला की मदद हासिल की
शैख़ुल हदीष हज़रत मौलाना मुहमंद ज़करिय्या (रह.) ने एक मर्तबा इरशाद फ़रमायाः “कभी न सोचो दुनिया क्या तरक़्क़ी कर रही है, तरक़्क़ी हुज़ूर (सल्लल्लाहु अलयहि वसल्लम) के इत्तिबाअ में है, सहाबए किराम (रज़ि.) अपने नेज़ों को बादशाहों की क़ालीनों पर मारते थे के तुम्हारी चीज़ों की हमारे दिल में ज़र्रा …
और पढ़ो »दोज़ख़ की आग से सहाबए किराम (रज़ि.) की हिफ़ाज़त
नबिए करीम (सल्लल्लाहु अलयहि वसल्लम) ने इरशाद फ़रमाया के “जहन्नम की आग उस मुसलमान को नहीं छूएगी जिस ने मुझे देखा (सहाबी) और न वह उस मुसलमान को (ताबिई) छूएगी जिस ने उन लोगों को देखा जिन्होंने मुझे देखा (सहाबी).” (सुनने तिर्मिज़ी, अर रक़म नं-३८५८) हज़रत तल्हा (रज़ि.) उहद की …
और पढ़ो »तलाक़ की सुन्नतें और आदाब – ४
तलाक़ के प्रकार दीने इस्लाम में तलाक़ के तीन प्रकार हैंः (१) तलाक़े रजई (२) तलाक़े बाईन (३) तलाक़े मुग़ल्लज़ा (१) तलाक़े रजई (जिस के बाद शौहर को रूजूअ का हक़ है) उस तलाक़ को केहते हैं जहां शौहर स्पष्ट (सरीह लफ़ज़े तलाक़) तलाक़ शब्द बोल कर के अपनी बीवी …
और पढ़ो »(१५) जनाज़े से संबंधित मुतफ़र्रिक़ मसाईल
मय्यित की जनाज़ा नमाज़ और तदफ़ीन में देरी सवालः- अगर किसी ग़ैर मुलकी व्यक्ति का इन्तिक़ाल हो जावे और उस के घर वाले (जो उस के वतन में मुक़ीम (रेहने वाले) हैं) उस की लाश की मांग करें, तो क्या हमारे लिए उस की लाश को उन की तरफ़ भेजना …
और पढ़ो »