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दीन के सारे कामों के लिए दुआ करना

शैख़ुल हदीष हज़रत मौलाना मुहमंद ज़करिय्या (रह.) ने एक मर्तबा इरशाद फ़रमायाः तुम अपने समय की कदर करो, ( एेतेकाफ की हालत में ) बातें बिल्कुल न करो, हम सब की नीयत (मंशा) यह हो के दुनिया में जितने दिन के शोबे (सेक्टर) चल रहे हैं, अल्लाह सबको तरक्की दे. …

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सहाबए किराम की महा क़ुर्बानीयों के बारे में क़ुर्आने करीम की गवाही

अल्लाह सुब्हानहु वतआला का मुबारक फ़रमान हैः لَٰكِنِ الرَّسُولُ وَالَّذِينَ آمَنُوا مَعَهُ جَاهَدُوا بِأَمْوَالِهِمْ وَأَنفُسِهِمْ ۚ وَأُولَٰئِكَ لَهُمُ الْخَيْرَاتُ ۖ وَأُولَٰئِكَ هُمُ الْمُفْلِحُونَ (سورة التوبة: 88) परंतु रसूल और वह लोग जो उन के साथ इमान लाए, उन्होंने अपने ‎माल और अपनी जान ‎से जिहाद किया और उन्ही के लिए …

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सहाबए किराम (रज़ि.) की ताज़ीम का हुकम

हज़रत रसूले ख़ुदा (सल्लल्लाहु अलयहि वसल्लम) का मुबारक फ़रमान हैः “मेरे सहाबा की इज़्ज़त करो, क्युंके वह तुम में सब से बेहतर हैं फिर वह (तुम में सब से बेहतर हैं) जो उन के बाद आए (ताबिईन) फिर वह जो उन के बाद आए (तबऐ बातिईन).” (मुस्नदे अब्दुर्रज़्ज़ाक़, रक़म नं-२१६३४) …

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मुसलमान के जीवन का असल उद्देश्य

हज़रत मौलाना मुहमंद इल्यास साहब(रह.) ने एक मर्तबा इरशाद फ़रमायाः “वक़्त चवलती हुई एक रेल है, घंटे, मिनट और लमहे गोया उस के ड़िब्बे हैं और हमारे मशाग़िल (कामकाज) उस में बैठने वाली सवारियां हैं. अब हमारे दुनयवी और माद्दी (भौतिक) ज़लील मशाग़िल (कामकाज) ने हमारी ज़िन्दगी की रेल के …

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अन्सार के लिए रसूले करीम (सल्लल्लाहु अलयहि वसल्लम) की ‎ख़ुसूसी दुआ

اللهم اغفر للأنصار، ولأبناء الأنصار، وأبناء أبناء الأنصار (صحيح مسلم، الرقم: ۲۵٠٦) रसूले करीम (सल्लल्लाहु अलयहि वसल्लम) ने अन्सार के लिए ख़ुसूसी दुआ फ़रमाई “ए अल्लाह, अन्सार की मग़फिरत फ़रमा, अन्सार की मग़फ़िरत फ़रमा, अन्सार की औलाद की मग़फ़िरत फ़रमा और अन्सार की औलाद की औलाद की मग़फ़िरत फ़रमा.” (सहीह …

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