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मशवरा का महत्व

हज़रत मौलाना मुहमंद इल्यास साहब (रह.) ने एक मर्तबा इरशाद फ़रमायाः मशवरा बहुत बड़ी चीज़ है, अल्लाह का वादा है कि जब तुम मशवरा के लिए अल्लाह पर भरोसा करके जम के बैठोगे तो उठने से पहले तुमको सीधे रास्ते की तौफीक मिल जाएगी। (मलफ़ूज़ात हज़रत मौलाना मुहमंद इल्यास साहब …

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मुहर्रम और आशूरा की सुन्नतें और आदाब

मुहर्रम और आशूरा अल्लाह तआला का निज़ाम (प्रणाली) है के उनहोंने कुछ चीज़ों को कुछ चीज़ों पर विशेष फ़ज़ीलत और ऎहमीयत (महत्वता) दी है. चुनांचे ईन्सानों में से अम्बीयाए किराम अलयहिमुस्सलातु वस्सलाम को दीगर लोगों पर ख़ास फ़वक़ियत (प्राथमिकता) और फ़ज़ीलत दी गई है. दुन्या के दीगर हिस्सों के बनिस्बत …

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नए इस्लामी साल की दुआ

सवाल – नए इस्लामी साल या नए इस्लामी महीने की कोई दुआ हदीष से षाबित है या नहीं? बहोत से लोग ख़ास तौर पर उस दिन एक दूसरे को दुआऐं भेजते हैं. उस की क्या हक़ीक़त है?

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ज़िल हिज्जह की सुन्नतें और आदाब

(१) ज़िल हिज्जह के पेहले दस दिनों में ख़ूब इबादत करें. इन दस दिनों में इबादत करने की बहोत ज़्यादा फ़ज़ीलतें वारिद हुई हैं. हज़रत अब्दुल्लाह बिन अब्बास रदी अल्लाहु अन्हु  से रिवायत है के नबिए करीम सल्लल्लाहु अलयहि वसल्लम ने इरशाद फ़रमाया के “जो भी नेक अमल साल के …

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हजरत उमर रदि अल्लाहु अनहु का खुले तौर पर हक़ बात केहना

एक बार, हजरत उमर रदि अल्लाहु अनहु के लिए खास दुआ करते हुए, नबी (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने फरमाया:‎ رحم الله عمر، يقول الحق (بكل صراحة) وإن كان مرا (للناس)، تركه الحق وما له صديق (يراعيه عند قول ‏الحق) (سنن الترمذي، الرقم: ٣٧١٤)‏ अल्लाह उमर पर रहम करे! वह …

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