अगर नाबालिग़ बच्चा जो अक़ल व शुऊर की उमर को नहीं पहुंचा हो मर जाए और उस के वालिदैन में से एक मुसलमान हो और दूसरा काफ़िर हो, तो उस बच्चे को मुसलमान समझा जाएगा और उस की जनाज़े की नमाज़ अदा की जाएगी. अलबत्ता अगर नाबालिग़ बच्चा जो अक़ल …
और पढ़ो »अम्र बिल मारूफ़ और नही अनिल मुनकर की ज़िम्मे दारी – प्रकरण-७
लोगों की इस्लाह के वक्त रसूले करीम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम का अंदाज हज़रत हसन और हज़रत हुसैन रदि अल्…
रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु ‘अलैहि व सल्लम की मुबारक ज़बान से हज़रत सअ्द रदि अल्लाहु ‘अन्हु की तारीफ
हज़रत सअ्द रदि अल्लाहु ‘अन्हू एक दफा रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु ‘अलैहि व सल्लम के पास आए। उन्…
हज़रत सअ्द रदि अल्लाहु ‘अन्हु के लिए रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम की खुसूसी दुआ
गज़व-ए-उह़ुद में रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने हज़रत सअ्द रदि अल्लाहु ‘अन्हु के लिए ख…
अल्लाह त’आला की बारगाह में हज़रत स’अ्द रदि अल्लाहु ‘अन्हु की दुआओं की क़ुबूलियत
नबी ए करीम सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने हज़रत स’अ्द रदि अल्लाहु ‘अन्हु के लिए दुआ फ़रमाई:…
मौत के लिए हर एक को तैयारी करना है
शेखु-ल-ह़दीस हज़रत मौलाना मुह़म्मद ज़करिया रहिमहुल्लाह ने एक मर्तबा इरशाद फ़रमाया: मैं एक बात बहुत स…
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ख़ुदकुशी(आत्महत्या) करने वाले की जनाज़े की नमाज़
ख़ुदकुशी(आत्महत्या) करने वाले की जनाज़े की नमाज़ अदा की जाएगी. [१] तमाम मुसलमानों के लिए उस बच्चे की जनाज़े की नमाज़ में शिरकत करना (भाग लेना) जाईज़ है. अलबत्ता अगर कुछ मशहूर और अनुयायी उलमा उस की जनाज़े की नमाज़ में इस निय्यत से शिर्कत न करें के लोगो को …
और पढ़ो »अपने वालीदैन के क़ातिल की जनाज़े की नमाज़
इस्लामी मुल्क में उस शख़्स पर जनाज़े की नमाज़ नहीं पढ़ी जाएगी, जिस ने अपनी मां या अपने बाप को जान बुझ कर क़तल किया हो फिर उस को इमामुल मुस्लिमीन(मुस्लिम हाकिम) ने इस जुर्म की सज़ा में क़तल कर दिया हो.[१] नोटः- वालिदैन के क़ातिल पर मुसलमान होने के …
और पढ़ो »तकलीफ़ का कारण न बनना
इस ज़माने में दुरूद शरीफ़ और इस्तिग़फ़ार की कषरत रखी जावे और उस की कोशिश की जावे के किसी रफ़ीक़(साथी) को मेरी तरफ़ से तकलीफ़ न पहुंचे और अगर किसी की तरफ़ से हक़ तलफ़ी(किसी को उन के अधिकारो से वंचित करना) और तअद्दी(अन्याय) हो तो उस पर इल्तिफ़ात(ध्यान) न किया जावे...
और पढ़ो »सुरए द़ुहा की तफ़सीर
इस्लाम के शरूआत में जब के रसूलुल्लाह(सल्लल्लाहु अलयहि वसल्लम) मक्का मुकर्रमा में थे चन्द दिनों तक अल्लाह तआला की तरफ़ से वही का सिलसिला मौक़ूफ़ हो गया(रूक गया), तो कुछ काफ़िरों ने आप(सल्लल्लाहु अलयहि वसल्लम) को यह ताना देना शुरू कर दिया के...
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