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गली(सडी) हुई लाश जो फटने के क़रीब हो उस की जनाज़े की नमाज़

अगर मय्यित की लाश इस क़दर गल गई हो के उस को हाथ लगाया जाए, तो आशंका है के वह टुकडे टुकडे हो जाऐंगे तो इस स्थिती में ग़ुसल के लिए बस इतना काफ़ी होगा के उस पर पानी बहा दिया जाए...

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हक़ीक़ी इमान की अलामत

"इमान यह है के अल्लाह व रसूल(सल्लल्लाहु अलयहि वसल्लम) को जिस चीज़ से ख़ुशी और राहत हो बंदे को भी उस से ख़ुशी और राहत हो. और जिस चीज़ से अल्लाह व रसूल(सल्लल्लाहु अलयहि वसल्लम) को...

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अज़ान और इक़ामत की सुन्नतें और आदाब-(भाग-१९)

इक़ामत के कलिमात अज़ान के कलिमात की तरह हैं. इन दोनों के कलिमात में मात्र इतना फ़र्क़ है के इक़ामत में حَيَّ عَلى الْفَلَاح (हय्य अलल फ़लाह) के बाद قَدْ قَامَتِ الصَّلاَة قَدْ قَامَتِ الصَّلاَة...

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ग़ुसल और जनाज़े की नमाज के बग़ैर दफ़न किए गए मय्यित की जनाज़े की नमाज़

अगर किसी मय्यित को ग़ुसल और जनाज़े की नमाज़ के बग़ैर दफ़न कर दिया गया हो, तो उस की जनाज़े की नमाज़ उस की क़बर पर पढ़ी जाएगी, इस शर्त के साथ के उस की लाश न फटी हो...

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