कोई चीज़ भूलने के वक़्त दुरूद शरीफ़ पढ़ना

عن أنس رضي الله عنه قال: قال رسول الله صلى الله عليه وسلم: إذا نسيتم شيئا فصلوا علي تذكروه إن شاء الله تعالى (أخرجه أبو موسى المديني بسند ضعيف كما في القول البديع صـ ٤٤۸)

हज़रत अनस (रज़ि.) से रिवायत है के रसूले करीम (सल्लल्लाहु अलयहि वसल्लम) ने इरशाद फ़रमाया के जब तुम कोई चीज़ भूल जावो, तो मुझ पर दुरूद भेजो. इन शाअल्लाह दुरूद की बरकत से वह चीज़ तुम्हें याद आ जाएगी.

टख़ने से ऊपर इज़ार पहनना

सुहैल बिन हन्ज़ला (रज़ि.) बयान करते हैं के एक मर्तबा रसूले करीम (सल्लल्लाहु अलयहि वसल्लम) ने ख़ुरैम असदी (रज़ि.) के बारे में फ़रमाया के ख़ुरैम असदी बहोत अच्छा आदमी है. सिर्फ़ उस की दो आदतें ठीक नहीं है, (१) उस के सर के बाल बहोत लंबे हैं, (२) उस का इज़ार टख़नों से नीचे रेहता है.

जब हज़रत ख़ुरैम असदी (रज़ि.) तक यह बात पहोंची, तो उन्होंने तुरंत सर का बाल कानों तक काट दिया और अपना इज़ार आधी पिंदली तक रखने लगे. (सुनने अबी दावुद)

रसूले करीम (सल्लल्लाहु अलयहि वसल्लम) से सहाबए किराम (रज़ि.) की बेपनाह मोहब्बत

किसी आदमी ने हज़रत अली (रज़ि.) से सवाल कियाः सहाबए किराम (रज़ि.) के दिलों में नबीए करीम (सल्लल्लाहु अलयहि वसल्लम) की कितनी मोहब्बत थी?

हज़रत अली (रज़ि.) ने जवाब दियाः में अल्लाह तआला की क़सम खा कर केहता हुं के नबीए करीम (सल्लल्लाहु अलयहि वसल्लम) की मोहब्बत हमारे दिलों में अपने माल, बच्चों और अपनी मांवो से ज़्यादा थी और आप (सल्लल्लाहु अलयहि वसल्लम) की बाबरकत सोहबत हमारे लिए अत्यंत प्यास की हालत में एक घोंट पानी से ज़्यादा अज़ीज़ थी. (अश शिफ़ा तअरीफ़ी हुक़ूक़ुल मुस्तफ़ा)

يَا رَبِّ صَلِّ وَسَلِّم دَائِمًا أَبَدًا عَلَى حَبِيبِكَ خَيرِ الْخَلْقِ كُلِّهِمِ

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