अपने आमाल(कार्यों) से संतुष्ट नहीं होना

शेख़ुल हदीष हज़रत मौलाना मुहम्मद ज़करिय्या साहब (रह.) ने एक मर्तबा इरशाद फ़रमायाः

“मेरे दोस्तो ! बहोत एहतियात रखो अपनी किसी हालत को अच्छा समझकर  उस पर इतरावो मत, हज़रत अब्दुल्लाह बिन मस्ऊद (रज़ि.) का फ़रमान है के ज़िन्दा आदमी ख़तरे से बाहर नहीं, (जब तक ईमान पर ख़ातमा न हो आदमी अपनी हालत पर मुतमईन नहीं हो सकता) फिर हज़रत ने रोते हुए फ़रमाया ! देखो ! शैतान हर एक पर लगा हुवा है, मेरे लिए तुम सब दुआ करो, अल्लाह तआला मेरा अंजाम बख़ैर फ़रमाए.” (मलफ़ूज़ाते शैख़ुल हदीष(रह.), पेज नं-२५)

Source: https://ihyaauddeen.co.za/?p=6265


Check Also

मौत के लिए हर एक को तैयारी करना है

शेखु-ल-ह़दीस हज़रत मौलाना मुह़म्मद ज़करिया रहिमहुल्लाह ने एक मर्तबा इरशाद फ़रमाया: मैं एक बात बहुत …