दस नेकियों का हासिल होना

عن أبي هريرة رضي الله عنه قال: قال رسول الله صلى الله عليه وسلم: من صلى علي مرة واحدة كتب الله عز وجل له بها عشر حسنات (صحيح ابن حبان، الرقم: 905 ، مسند أحمد، الرقم: 7561، ورجاله رجال الصحيح غير ربعي بن إبراهيم وهو ثقة مأمون كما في مجمع الزوائد، الرقم: 17282)

हज़रत अबू हुरैरा रदि अल्लाहु ‘अन्हु से रिवायत है कि हज़रत रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने इरशाद फ़रमाया कि जो शख्स मुझ पर एक मर्तबा दुरूद भेजता है, अल्लाह त’आला उसके लिए दस नेकियां लिखते हैं।

दुरूद शरीफ़ की कसरत की वजह से मौत की सख्ती से हिफाज़त

नुज़हतुल-मजालिस में निम्नलिखित वाक़िआ नक़ल किया हुआ है:

एक साहब किसी बीमार के पास गए (उनकी आखरी सांस चल रहे थे)।

उनसे पूछा कि मौत की कड़वाहट कैसी मिल रही है?

उन्होंने कहा: मुझे कुछ नहीं मालूम हो रहा है, इसलिए कि मैंने उलमा से सूना है कि जो शख्स बहुत ज्यादा दुरुद शरीफ़ पढ़ता है, वह मौत की कड़वाहट से महफूज़ रहता है। (फ़ज़ाईले दुरूद, पेज नं-१८१)

يَا رَبِّ صَلِّ وَسَلِّم دَائِمًا أَبَدًا عَلَى حَبِيبِكَ خَيرِ الْخَلْقِ كُلِّهِمِ

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