रोज़े की हालत में पछना लगवाना

सवाल – क्या रोज़े में पछना लगवाने से रोज़ा टूट जाता है?

जवाब – पछना लगवाने से रोज़ा नहीं टूटता है, लेकिन अगर किसी को तजरबे से मालूम हो के रोज़े की हालत में पछना लगवाने से उस को कमज़ोरी लाहिक़ होती है,तो ऐसे आदमी के लिए रोज़े की हालत में पछना लगवाना मकरूह होगा.

अल्लाह तआला ज़्यादा जानने वाले हैं.

(أو اكتحل أو احتجم … وسيأتي أن كلا من الكحل والدهن غير مكروه وكذا الحجامة إلا إذا كانت تضعفه عن الصوم (رد المحتار على در المختار ج۲ ص۳۹۵ و۳۹٦)
(أو احتجم) لم يفسد وتكره الحجامة للصائم إذا كانت تضعفه أما إذا كان لايخافه فلا بئس به (حاشية الطحطاوي على مراقي الفلاح ص٦٦٠)

जवाब देनेवालेः

मुफ़ती ज़करिया मांकदा

इजाझत देनेवालेः

मुफ़ती इब्राहीम सालेहजी

Source: http://muftionline.co.za/node/8

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