दूसरी रकात
(१) पेहली रकअत के दूसरे सजदे के बाद तकबीर केह कर दूसरी रकअत के लिये खड़े हो जायें.
(२) सजदे से उठते हुए पेहले पेशानी उठायें फिर नाक, फिर हाथ और आख़िर में घुटने उठायें.
(३) सजदे से उठते हुए ज़मीन का सहारा न लें (मगर यह के कोई उज़र हो).
(४) मामूल के अनुसार (पेहली रकात की तरह) दूसरी रकात मुकम्मल करें (अलबत्ता षना और तअव्वुज़ न पढ़ें). [१]
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