हज़रत मौलाना मुह़म्मद इल्यास साहब रहिमहुल्लाह ने एक मर्तबा इरशाद फ़रमाया: मैं शुरू में इस तरह जि़कर करने की तालीम देता हूं: हर नमाज़ के बाद “तस्बीहे़ फातिमा रदि अल्लाहु ‘अन्हा” और तीसरा कलिमा “سبحان الله والحمد لله ولا إلٰه إلا الله والله أكبر ولا حول ولا قوة إلا بالله” और …
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इद्दत की सुन्नतें और आदाब – २
शौहर की वफात के बाद बीवी की इद्दत के हुक्म (१) जब किसी औरत के शौहर का इन्तिका़ल हो जाए, तो उस पर ‘इद्दत में बैठना वाजिब है। ऐसी औरत की ‘इद्दत (जिस के शौहर का इन्तिका़ल हो जाए और वो हा़मिला {प्रेगनेंट} न हो) चार महीने दस दिन है। …
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