रोज़े को फ़ासिद समझ कर जानबुझ कर खाना पीना

सवाल – किसी ने रोज़े के दौरान भूल कर कुछ खा लिया, उस के बाद यह सोच कर के रोज़ा टूट चुका है, जानबूझ कर कुछ खा लिया, तो क्या उस से रोज़ा फ़ासिद हो गया? अगर रोज़ा फ़ासिद हुवा, तो क़ज़ा के साथ कफ़्फ़ारह भी लाज़िम होगा या मात्र …

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तिजारत के सामान के मुख़तलिफ़ चीज़ों पर ज़कात

सवाल:– अगर कोई आदमी मुख़तलिफ़ किस्म के सामान ख़रिद ले जो ख़ूद फ़रोख़्त होने वाले नहीं है, लेकिन उन के ज़रीए तिजारत के सामान बनाए जाते हैं, जैसे तिजारत का सामान कुर्ता है, कुर्ता बनाने के लिए कपड़ा, धागा, बटन वग़ैरह की ज़रूरत होती है. कुर्ता बनाने से पहले जब …

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रमज़ान के महीने में शरई उज़र के बग़ैर रोज़ा न रखना

सवाल – अगर कोई आदमी शरई ‘उज़र के बग़ैर रमज़ानुल मुबारक में रोज़ा न रखे और लोगों के सामने खुलम खुल्ला खाए पीए तो ऐसे आदमी का क्या हुक्म है?

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अज़ान और इक़ामत की सुन्नतें और आदाब-(भाग-५)

मुअज़्ज़िन के फ़ज़ाईल(श्रेष्ठता) सहाबए किराम(रज़ि.) आरज़ू करते थे के वह ख़ुद अज़ान दें और उन के बच्चे भी अज़ान दें. عن علي رضي الله عنه قال: ندمت أن لا أكون طلبت إلى رسول الله صلى الله عليه وسلم فيجعل الحسن والحسين مؤذنين (مجمع الزوائد رقم ۱۸۳٦)[१] हज़रत अली(रज़ि.) ने फ़रमाया …

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