सवाल – एक शख़्स दस, ग्यारह और बारह ज़िल हिज्जह को सफ़र की हालत में था, मगर वह बारह ज़िल हिज्जह को सूरज के ग़ुरूब होने से पेहले धर वापस आ गया, तो क्या उस पर क़ुर्बानी वाजिब होगी?
और पढ़ो »मुसाफ़िर पर क़ुर्बानी
सवाल – क्या मुसाफ़िर पर क़ुर्बानी वाजिब है?
और पढ़ो »क़ुर्बानी का वुजूब
सवाल – क़ुर्बानी किस पर वाजिब है?
और पढ़ो »जन्नत में दाख़िल करने वाले अमल को छोड़ना
عن حسين بن علي رضي الله عنهما قال قال رسول الله صلى الله عليه و سلم...
और पढ़ो »अज़ान और इक़ामत की सुन्नतें और आदाब-(भाग-७)
अज़ान देने के समय निम्नलिखित सुन्नतों और आदाब का लिहाज़ रखा जाए (१) निय्यत का दुरूस्त होना. अज़ान से महज़ रज़ाऐ इलाही की निय्यत हो. عن ابن عباس أن النبي صلى الله عليه وسلم قال: من أذن سبع سنين محتسبا كتبت له براءة من النار (سنن الترمذي رقم ۲٠٦) हज़रत …
और पढ़ो »अज़ान और इक़ामत की सुन्नतें और आदाब-(भाग-६)
मुअज़्ज़िनीन के अवसाफ़...
और पढ़ो »हर शबो रोज़ तीन मर्तबा दुरूद शरीफ़ पढ़ने का षवाब
عن ابي كاهل رضي الله عنه قال قال لي رسول الله صلى الله عليه وسلم...
और पढ़ो »घर में दीनी माहौल पैदा करना
हज़रत शैख़ मौलाना मुहमंद ज़करिया(रह.) ने एक मर्तबा फ़रमाया...
और पढ़ो »ईद की सुन्नतें और आदाब
सवाल – मुफ़्ती साहब ! कृपया कर के इद की सुन्नतें विगत से बयान करें और इस बात की वज़ाहत फ़रमाऐं के हमें यह मुबारक दिन किस तरह गुज़ारना चाहिए? जवाब – निम्नलिखित ऐक लेख पेश किया जा रहा है, जो हम ने ईद की सुन्नतें और आदाब के मोज़ुअ …
और पढ़ो »हाईज़ा औरत का रमज़ानुल मुबारक में खुल्लम खुला खाना पीना
सवाल – बाज़ उलमा की राए यह है के हाईज़ा औरत के लिए रमज़ानुल मुबारक के दिनो में खाना पीना जाईज़ है जब के कुछ उलमा की राए यह है के उस को इफ़तार तक खाने पीने से गुरैज़ करना चाहिए. बराए महरबानी वज़ाहत फ़रमाऐं.
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